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गुरुनानक देव की 555 वी जयंती पर जिले में उत्साह

रिपोर्टर लाला लाजपत प्रजापति

*मनेंद्रगढ़* – गुरू नानक जयंती सिख धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो गुरू नानक देव जी के जन्मदिन प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार पूरे विश्व में सिख धर्म के द्वारा मनाया जाता है जिसमें हिन्दू धर्म के भक्त भी उत्साह पूर्वक मनाते है

गुरू नानक देव जी का जन्म:

गुरू नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को तलवंडी, पंजाब (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्ता देवी था। गुरु नानक देव की 555वीं जयंती मनाई जा रही है

गुरू नानक जयंती के बारे में और जानकारी:

गुरू नानक देव जी के उपदेश:

1. एक ओंकार: गुरू नानक देव जी ने एक ओंकार की अवधारणा को प्रतिपादित किया, जो कि एक सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी ईश्वर की अवधारणा है।

2. सच्चाई और न्याय: गुरू नानक देव जी ने सच्चाई और न्याय के महत्व पर बल दिया।

3. एकता और सहनशीलता: गुरू नानक देव जी ने एकता और सहनशीलता के महत्व पर बल दिया।

4. कर्म और धर्म: गुरू नानक देव जी ने कर्म और धर्म के महत्व पर बल दिया।

गुरु नानक देव जी के कार्य:

गुरु नानक देव जी ने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जो सिख धर्म और समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। कुछ प्रमुख कार्य हैं:

1. सिख धर्म की स्थापना: गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की, जो एक नए धर्म के रूप में विकसित हुआ।

2. गुरु ग्रंथ साहिब: गुरु नानक देव जी ने गुरु ग्रंथ साहिब की रचना की, जो सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ है।

3. उपदेश और शिक्षाएं: गुरु नानक देव जी ने अपने उपदेशों और शिक्षाओं में सच्चाई, न्याय, एकता, और सहनशीलता पर बल दिया।

4. लंगर प्रणाली: गुरु नानक देव जी ने लंगर प्रणाली की शुरुआत की, जिसमें लोगों को भोजन दिया जाता है, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति से हों।

5. संगत और नागर कीर्तन: गुरु नानक देव जी ने संगत और नागर कीर्तन की शुरुआत की, जिसमें लोग गुरु के उपदेशों को सुनते हैं और गुरबाणी का गायन करते हैं।

6. यात्राएं: गुरु नानक देव जी ने अपने जीवनकाल में कई यात्राएं कीं, जिनमें उन्होंने लोगों को अपने उपदेशों के बारे में बताया।

7. गुरु-शिष्य परम्परा: गुरु नानक देव जी ने गुरु-शिष्य परम्परा की शुरुआत की, जिसमें गुरु अपने शिष्यों को उपदेश देते हैं।

गुरु नानक देव जी के ये कार्य सिख धर्म और समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और आज भी उनका प्रभाव दिखाई देता है।

5. नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, गुरू नानक जयंती का त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

गुरु नानक जयंती का महत्व:

गुरु नानक जयंती सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। यह त्योहार पूरे विश्व में सिख समुदाय द्वारा मनाया जाता है।

1. गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को याद करना: गुरु नानक जयंती पर लोग गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को याद करते हैं, जैसे कि सच्चाई, न्याय, एकता, और सहनशीलता।

2. एकता और सहनशीलता का प्रतीक: गुरु नानक जयंती एकता और सहनशीलता का प्रतीक है, जो लोगों को एक दूसरे के साथ मिलकर रहने की प्रेरणा देता है।

3. सिख धर्म की स्थापना: गुरु नानक जयंती सिख धर्म की स्थापना के अवसर पर मनाया जाता है, जो गुरु नानक देव जी द्वारा स्थापित किया गया था।

4. आध्यात्मिक ज्ञान: गुरु नानक जयंती पर लोग आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का अध्ययन करते हैं।

5. सामुदायिक एकता: गुरु नानक जयंती पर लोग सामुदायिक एकता के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जैसे कि लंगर, संगत, और नगर कीर्तन

गुरु नानक जयंती पर आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं!

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