उल्टी दस्त से 80 वर्षीय बुजुर्ग एवं 3 वर्ष की बालिका की मौत
रिपोर्टर भगवान सिंह चौहान
विगत तीन दिनों से सनावद के वार्ड नंबर 3-4 और 5 से उल्टी दस्त के मरीज सरकारी और निजी अस्पताल पहुंच रहे हैं। जहां इन मरीज का इलाज हो रहा कुछ को रेफर भी किया जा रहा है वही रविवार रात रात उल्टी दस्त के पीड़ित 80 वर्षीय बुजुर्ग बबन नरिया की इलाज करवाने के दौरान मृत्यु हो गई। ऐसा ही दु:खद सूचना 3 वर्षीय बालिका फातिमा पिता अफजल को लेकर है। दूसरी ओर इन तीन वार्डों में उल्टी दस्त का यह प्रकोप और उसके असर से संबंधित प्रिंट इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया की खबरों के साथ जिला और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हुआ । नगर पालिका ने पीड़ित वार्डों में सफाई अभियान चलाया, स्वास्थ्य विभाग ने एन एम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से क्षेत्र में ओआरएस के पाउच क्लोरिन की गोली और जिंक की टेबलेट वितरित करवाई।सीएमओ राजेंद्र मिश्रा ने क्षेत्र में सफाई व्यवस्था और पानी की टंकी की सफाई करवाने के बाद पानी के सैंपल लेने की बात कही ।
वही सीएमएचओ एम एल सिसोदिया ने भी अस्पताल और संबंधित वार्ड अस्पताल और जलस्त्रोत का निरीक्षण किया, संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। श्री भदौरिया ने कहा वार्ड और अस्पताल विजिट कर पीड़ित मरीज और , वार्ड वासियो से मुलाकात कर उन्हें ओआरएस के घोल और शुद्ध पानी पीने की सलाह दी। इस प्रकोप होने के पीछे संभावना पानी या खाने की है।हम देख रहे हैं, इसके लिए वॉटर सैंपल और स्टुल सैंपल ले रहे हैं। फिलहाल यहां स्वास्थ्य टीम लगी हुई है! मृतक बबन नरिया के भतीजे सुनील नरिया ने बताया कि उल्टी दस्त से पीड़ित बड़े पापा को डॉक्टर के नहीं होने के कारण इलाज नहीं मिल पाया इसलिए उनकी मौत हो गई पूरी तरह स्वस्थ थे पेयजल के अंदर गड़बड़ी थी क्षेत्र में गंदा पानी वितरण हो रहा है। इसी तरह मृतक 3 वर्षीय बालिका फातिमा के पिता अफजल ने बताया कि बिटिया स्वस्थ थी नगर पालिका द्वारा जो पानी वितरित किया जाता है वही पानी गंदा आ रहा था जिसे पीकर मेरी बेटी की तबीयत खराब हुई उल्टी दस्त लगे अस्पताल ले गए मगर डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी मौत हो गई।