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देखिये, दीवाने आसमान छूने की कोशिश में हैं…नक्सल प्रभावित जंगली इलाकों में बच्चों के लिए प्रेरणा बन गए हैं ओपी चौधरी

रिपोर्ट-तुलसी कुमार

रायगढ़/छत्तीसगढ़।बस्तर में विकास प्राधिकरण की दो दिवसीय बैठक में विष्णु देव साय अहम फैसले ले रही थी इस बैठक में सूबे के वित्त मंत्री विधायक रायगढ़ ओपी चौधरी भी शामिल थे इस दौरान उनका दिल छू लो आसमा एवं जावंगा स्थित एजुकेशन सिटी में अध्ययन रत छात्रों से मिलने के लिए भी मचल रहा था । बैठक समाप्त होते ही सूबे के वित्त मंत्री ओपी छात्रों के मध्य पहुंचे । ये वही जगह थी जब कलेक्टर रहते ओपी ने इन संस्थानों की नींव रखी थी। नेताओं के लिए वादे करना चुनावी राजनीति का हिस्सा माना जाता है लेकिन नक्सल क्षेत्र के बीहड़ जंगलों में ओपी चौधरी कलेक्टर रहते हुए बिना किसी वादे के शिक्षा का प्रकाश धरती में लाने की तैयारियों में जोरो से जुटे हुए थे। नक्सली क्षेत्र बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में स्थित छोटा सा गांव जावंगा, जिसकी वजह से आज पूरे देश में इसकी पहचान हो रही है । कलेक्टर रहते हुए ओपी चौधरी ने इस गांव में बड़ी एजुकेशन सिटी की बुनियाद रखी। 100 एकड़ में फैले इस परिसर में 15 से अधिक शैक्षणिक संस्थान हैं।आठ हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। यहां हर वर्ष 200 दिव्यांग बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है। यहां हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूल, कालेज, आइटीआई और पालिटेक्निक कालेज भी है।अब कोंडिग सिखाने के लिए साफ्टवेयर इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई शुरू हो चुकी है। एक वो दौर था जब वर्ष 2003 के दौरान नक्सलियों ने विस्फोट कर पुराना पुलिस थाना उड़ाया दिया था। वर्ष 2011 में नए थाने को भी विस्फोट से उड़ा दिया था। नक्सलियों की गोली की परवाह किए बिना ओपी चौधरी ने एजुकेशन सिटी के निर्माण के लिए जान की परवाह नहीं की। ओपी पहले ऐसे नेता है जिन्होंने वादे की बजाय अपने ठोस इरादों के बलबूते काम कर दिखाया।दंतेवाड़ा शहर से 12 किमी दूर जावांगा जहां जनता जाने से डरती थी ओपी के प्रयासों से प्रारंभ की गई एजुकेशन सिटी से छात्र पढ़कर उच्च पदों में पहुंच रहे है। 9 मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एजुकेशन सिटी जवांगा पहुंचे थे। उन्होंने वहां बच्चों से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति राम कोविंद भी वर्ष 2018 में यहां आ चुके हैं। जवांगा एजुकेशन सिटी प्रोजेक्ट की परिकल्पना नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से की गई थी। एक ही परिसर में नक्सल प्रभावित परिवारों के बच्चों को मुफ्त आवासीय शिक्षा और सभी सुविधाएं मिलती हैं। मोदी ने ओपी के शिक्षा की दिशा में किए गए प्रयासों की मुक्त कंठ से सराहना की। दंतेवाड़ा में शुरू की गई योजना छू लो आसमान के लिए ओपी ने सोशल मंच में लिखा था कि यह योजना मेरे दिल की बहुत ही करीब है । इस योजना के तहत मेधावी बच्चों को देश की सर्वश्रेष्ठ मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग की सुविधा दी जा रही हैं । ओपी ने अपना इरादा बताते हुए कहा था कि प्रदेश के अन्य क्षेत्र के बच्चों के लिए भी ऐसी योजना शुरू करना चाहता हूं। जिससे उनकी पढ़ाई और सपना आसमान की बुलंदियों को छू सके। छू लो आसमान संस्था के 42 छात्रों ने नीट की परीक्षा में सफलता हासिल कर ओपी के सपनों को साकार भी किया। छू लो आसमान संस्था नीट परीक्षा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस परीक्षा में संस्था के 42 छात्रों ने उत्साहजनक प्रदर्शन किया। जिसमें से 8 छात्रों को सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस और 9 छात्रों को बीएएमएस, बीडीएस और वेटरनरी कोर्स में प्रवेश मिलने की संभावना है। अपने विधान सभा क्षेत्र रायगढ़ में ओपी सबसे बड़ी नालंदा लाइब्रेरी की योजना को साकार करने जी जान से जुटे है।

*छात्रों के मध्य ओपी भूले गए कि वे वित्त मंत्री है*

विकास प्राधिकरण की दो दिवसीय बैठक के बाद ओपी छू लो आसमां एवं एजुकेशन सिटी में अध्ययन रत छात्रों से मिलने पहुंचे और पुरानी याद ताजा की । जब वे कलेक्टर थे तब निर्माण कार्यों को देखने ओपी आधी रात के बाद जाते और आवश्यक निर्देश भी देते। आज ओपी इन छात्रों के मध्य भू ल गए कि वे वित्त मंत्री है छात्रों से आत्मीय मुलाकात की। ओपी पहले ऐसे नेता है जो आने वाली पीढ़ी को स्वर्णिम बनाने जी जान से जुटे है

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