पहलवान बाबा दरगाह कमेटी मुस्लिम पक्ष को मिला हाई कोर्ट से स्टे

संवादाता मोहम्मद शरीफ कुरैशी
रतलाम
एक बार फिर निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का किया रुख जहां से मिला मुस्लिम पक्ष को स्टे
बताते चले
न्यायालय का फैसला : पहलवान बाबा की दरगाह का अतिक्रमण हटाने पर लगी रोक हटी थी प्रशासन फिर शुरू करी थी कार्रवाई, फोरलेन निर्माण में बाधा बन रहा अतिक्रमणपहलवान बाबा की दरगाह के अतिक्रमण हटाने की प्रशासन की कार्रवाई पर लगाई गई रोक न्यायालय ने हटा दी थी रतलाम । तृतीय व्यवहार न्यायाधीश अतुल श्रीवास्तव ने पहलवान बाबा दरगाह कमेटी को प्रशासन के विरुद्ध दिया गया स्टे खारिज कर दिया था
न्यायालय ने तहसीलदार की कार्रवाई को सही मानते हुए फैसला दिया है। इससे रतलाम-सेजावता सिटी फोरलेन निर्माण में आ रही बाधा दूर करने के लिए दिया था स्टेट
रतलाम (जावरा फाटक से) सेजावता तक सिटी फोरलेन का निर्माण हो रहा है। इसमें धार्मिक स्थलों के अतिक्रमण के कारण व्यवधान हो रहा है। नतीजनत फोरलेन निर्माण का कार्य प्रभावित है। इससे वाहनों को आवाजाही में परेशानी होती है। अतिक्रमणों की जांच करने पर पाया गया था कि पहलवान बाबा की दरगाह का काफी हिस्सा सरकारी जमीन पर है। इसके आसापास भी अतिक्रमण हो गया था। इसके चलते लोक निर्माण विभाग द्वारा दरगाह कमेटी को नोटिस जारी कर नियत अवधि में अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था। अतिक्रमण नहीं हटने पर प्रशासन ने खुद ही हटाने की कार्रवाई शुरू की थी। इससे असंतुष्ट होकर दरगाह कमेटी की ओर से मुस्लिम पक्ष ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय ने 13 नवंबर को एक पक्षीय आदेश जारी कर प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
प्रशासन ने लगाई थी स्टे खारिज करने का गुहार
मामले में 14 नवंबर को शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर उक्त एक पक्षीय कार्रवाही और स्टे निरस्त करने का आवेदन प्रस्तुत किया था। इस पर 25 नवंबर को न्यायालय ने शासन के विरुद्ध एकपक्षीय कार्यवाही निरस्त कर शासन को बॉय पार्ट कर स्टे पर बहस के लिए 26 नवंबर की तारीख नियत की थी। इस पर 26 नवंबर को तृतीय व्यवहार न्यायाधीश अतुल श्रीवास्तव के समक्ष दरगाह कमेटी के अधिवक्ता व शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार दोनों पक्षों ने दलीलें दीं। बस सुनकर न्यायालय ने शासन की ओर से प्रस्तुत स्टे निरस्ती का आवेदन स्वीकार कर 13 नवंबर को दिया गया स्टे आदेश निरस्त कर दिया था परंतु दरगाह पक्ष एक बार फिर हाई कोर्ट का रुक किया जहां से उन्हें पुन एक बार फिर स्टे मिल गया है