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जमानत दिलाने के नाम पर 6 लाख की ठगी, पटवारी पर केस सिरीगिट्टी थाने में शिकायत दर्ज

रिपोर्ट जे.के. मिश्र

बिलासपुर: जेल में बंद परिजनों को जमानत दिलाने का झांसा देकर 6 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। इसमें एक पटवारी का नाम शामिल होने की बात कही जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रार्थिया शशि बंधे, निवासी नंदिनी नगर, अहिवारा, धमधा (दुर्ग), ने सिरीमिट्टी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उनके पिता दशरथ भारती और दो भाई हत्या के एक मामले में जेल में बंद हैं और उन्हें दुर्ग जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

शशि बंधे के अनुसार, उनके रिश्तेदार पारस बेहेरा और रजनी बेहेरा ने उन्हें बिलासपुर निवासी कुलदीप पांडेय से मिलवाया। कुलदीप ने खुद को हल्का बिलासपुर में तैनात पटवारी बताया और दावा किया कि वह हाईकोर्ट के मजिस्ट्रेट से परिचित है। उसने भरोसा दिलाया कि वह जेल में बंद परिजनों की जमानत दिलवा सकता है। कुलदीप ने यह भी कहा कि इस काम के लिए 6 लाख रुपये का खर्च आएगा।

शिकायत में बताया गया कि कुलदीप ने पहले एडवांस के रूप में 1 लाख 50 हजार रुपये लिए। इसके बाद सितंबर 2019 में उसके खाते में 49,500 रुपये ट्रांसफर किए गए। दो महीने बाद कुलदीप ने फोन कर बेल होने का भरोसा दिलाया और 2 लाख 50 हजार रुपये मांगे, जो प्रार्थिया ने अपने रिश्तेदार रजनी बेहेरा के घर में कुलदीप को दिए। जनवरी 2020 में, कुलदीप ने एक बार फिर फोन कर जमानत होने की जानकारी देते हुए 1 लाख 50 हजार रुपये और मांगे। यह रकम 23 फरवरी 2020 को कैलाश ताम्रकार के माध्यम से कुलदीप को दी गई।

कुलदीप ने एक फर्जी जमानत पत्र देकर सभी को गुमराह किया। बाद में जब जमानत नहीं हो पाई और प्रार्थिया ने पैसे वापस मांगे तो कुलदीप ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। अंततः उसने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया और धमकी दी कि जो करना है, कर लो।

इस घटना से परेशान प्रार्थिया ने सिरीमिट्टी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कुलदीप पांडेय के खिलाफ IPC की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

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