भोपाल इज़्तिमा 5 बड़े इस्लामिक आयोजनों में से एक आखिरी दिन 10 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे

रिपोर्टर मोहम्मद अय्युब शीशगर
इंदौर/भोपाल, भोपाल में चल रहे चार दिवसीय आलमी तब्लीगी इज्तिमा पूरे आलम का सबसे बड़ा इज़्तिमा है जिसका समापन सोमवार को दुआ-ए-खास के साथ हुआ। दोपहर करीब 12:30 बजे हुई दुआ में
मौलाना साद ने लोगों से मोहब्बत से रहने की बात कही। उन्होंने खास तौर पर उम्मत को गुनाहों से दूर रहने के अलावा ईमान वाला बनने की दुआ की।भोपाल के इज्तिमा में 33 देशों से पहुंचे लोग इस साल इज्तिमा में 33 देशों से 433 मेहमान आए हैं। इन्हें हाई सिक्योरिटी एरिया में ठहराया गया। विदेशों से आई इन जमातों के लिए तीन लेवल पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इज्तिमा कमेटी के मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. उमर हफीज ने बताया कि 3 लेवल की सिक्योरिटी में हर लेवल पर 50-50 वॉलंटियर्स तैनात रहें। इनकी ड्यूटी 8-8 घंटे की रहीऐसे में तीन शिफ्ट (8×3 = 24) में वॉलेंटियर्स ने ड्यूटी दी।
*अपनी खामियों को पहचानें : मौलाना साद*
फजर की नमाज के बाद मौलाना सअद साहब कांधलवी ने दुआ से पहले फजर की नमाज के बाद । तकरीर की। उनका बयान इस्लामी एकता और उम्मत के लिए था। उन्होंने कहा कि आज के दौर में मुसलमानों को अपनी खामियों को दूर कर आपसी इत्तेहाद को मजबूत करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि दीन के काम को बढ़ावा देने के लिए हर मुसलमान को अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभानी होगी।
*स्टेशन और एयरपोर्ट के लिए यह रहा रूट*
• एयरपोर्ट की ओर जाने वाले वाहन भदभदा चौराहा, नीलबड़, रातीबड़, झागरिया रोड से खजूरी बायपास, मुबारकपुर बायपास होकर एयरपोर्ट जा पहुचे।
• भोपाल शहर से मुख्य रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाले वाहन रोशनपुरा, लिंक रोड 2, बोर्ड ऑफिस, चेतक ब्रिज से प्रभात चौराहा, 80 फीट रोड होकर प्लेटफॉर्म-1 की तरफ आ सकें।
*रेलवे स्टेशन पर बनाया जा रहा जमातियों के लिए खाना*
भोपाल रेलवे स्टेशन पर इज्तिमा कमेटी ने जमातियों के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 6 की तरफ एक बड़ा पंडाल तैयार किया है। यहां खाने-पीने, दवाइयों और अन्य जरूरतों के इंतजाम किए गए। अगले दो दिनों तक यह खिदमत कैंप जारी रहा, जहां रोजाना 30,000 से अधिक लोगों के लिए खाना बनाया गया।
*2 टिकट काउंटर और 6 एटीवीएम मशीन*
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया
कि भोपाल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए 6 नियमित टिकट काउंटर के अलावा 2 अतिरिक्त टिकट खिड़कियां शुरू की गई हैं।
6 एटीवीएम मशीनों से टिकट जारी किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित तरीके से नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त टीटीई स्टाफ की तैनाती की गई है। सुरक्षा के मद्देनजर, जीआरपी, आरपीएफ और अन्य सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। दोनों फुटओवर ब्रिज (एफओबी) पर यात्रियों के आने-जाने को आसान बनाने के लिए मार्गों को अलग-अलग डायवर्ट किया गया है। आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए चिकित्सा सहायता केंद्र भी
उपलब्ध कराया गया है।
*इस साल 61 की बजाय 66 पार्किंग*
पिछले साल की तुलना में इस बार पार्किंग की बेहतर व्यवस्था की गई है300 एकड़ में फैले आयोजन स्थल पर 66 पार्किंग स्थलों का निर्माण किया गया। इनमें 60,000 चार पहिया वाहन और सवा लाख दोपहिया वाहन पार्क किए जा सकते हैं। इसके अलावा, एक हजार से अधिक ऑटो और 2,000 से अधिक बसों के लिए भी जगह सुनिश्चित की गई। पिछले साल 250 एकड़ में 61 पार्किंग बनाई गई थी।
*भोपाल इज़्तिमा 5 बड़े इस्लामिक आयोजनों में से एक*
भोपाल का आलमी तब्लीगी इज्तिमा दुनिया के 5 सबसे बड़े इस्लामिक आयोजनों में से एक माना जाता है। दुनियाभर से इसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। दुनिया में केवल 3 देशों भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में इसका आयोजन होता है।
*ओलेमा किराम लोगों को धर्म और ईमान के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।*
◆ इज्तिमा अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसका मतलब कई लोगों का एक जगह पर इकट्ठा होना है। ये कई तरह के होते हैं। इनमें छोटी जगह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले इज्तिमा भी शामिल हैं।
◆ इसमें आए इस्लामिक स्कॉलर धर्म संबंधित उपदेश (तकरीर) देते हैं। लोगों को धर्म और ईमान के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
◆ इज्तिमा के दौरान उन बातों पर चर्चा होती है जिनसे एक मुसलमान दीन के रास्ते पर बेहतर ढंग से चल सके। इस दौरान शादी के दौरान होने वाले खर्चों को लेकर चर्चाएं होती हैं, जैसे खर्चीली शादियों से समाज को किस
तरह के नुकसान होते हैं और इस्लाम इस बारे में क्या कहता है। इस्लाम में परेशान हाल लोगों की मदद के लिए जकात क्यों रखी गई है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों के लिए इस्लाम में क्या हुक्म और हुकूक हैं। सूदखोरी क्यों हराम है, जैसे विषय पर तकरीर की जाती हैं।
◆ यहां बड़ी संख्या में निकाह भी कराए जाते हैं। जिनमें किसी तरह का कोई दहेज नहीं लिया और दिया जाता है। सादगी के साथ जीवन जीने का तरीका सिखाया जाता है। वहां कुछ इस तरह की चर्चाएं होती हैं कि इस्लाम के मुताबिक किसी को अपना रोजाना का जीवन कैसे जीना चाहिए।”
*लोगों की संख्या करीब 10 लाख से ज्यादा तक पहुंच गई थी।*
इज्तिमा के मीडिया कार्डिनेटर उमर हफीज ने बताया, इज्तिमा के पहले तीन दिन में करीब 8 लाख लोग इज्तिमा में शामिल हुए हैं। आखिरी दिन 600 एकड़ का पूरा एरिया फुल हो गया, जिसके चलते कई लोगों को पार्किंग में शिफ्ट करना पड़ा। सुबह तीन नई पार्किंग बनाई गईं। भीड़ बढ़ने पर इंडस्ट्रियल एरिया के पास खाली जगहों पर लोगों को बिठाया गया। दुआ के पहले ही लोगों की संख्या करीब 10 लाख से ज्यादा तक पहुंच गई थी।
*उमर हफीज* मीडिया कार्डिनेटर भोपाल