बाग ब्लॉक के थाना डैम नहर का मामला, जल संसाधन विभाग ने ना सफाई कराई, ना सुधार

संवाददाता संजय देपाले
*धार (बाग )* नहर की मरम्मत कर रहे नीमखेड़ा गांव के किसान जगह-जगह से टूट-फूट चुकी नहर की जब जल संसाधन विभाग ने मरम्मत नहीं कराई तो 15 से 20 किसानों ने खुद इसे सुधारने का बीड़ा उठाया और आपस में चंदा इकट्ठा कर इसकी मरम्मत में लग गए। किसान यह काम छह दिन से कर रहे हैं। मामला बाग ब्लॉक के थाना डैम नहर का है। नीमखेडा गांव
बारिश के समय यह नहर दो जगह क्षतिग्रस्त हो गई।
बता दें कि थाना डैम की 20 किमी लंबी नहर के पानी से चिचबा, घटबोरी, वेकलिया, नीमखेड़ा के करीब दो हजार किसान रबी की फसल बोते हैं। नीमखेड़ा के किसान प्रताप सिंह चौहान, भीम सिंह राजू, भुवान, लिम सिंह ने बताया कि अभी बारिश में नीमखेड़ा के अम्लीयापानी क्षेत्र में नहर दो स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गई थी। जल संसाधन विभाग ने मरम्मत कराने की सुध नहीं ली। गेहूं, चने की बोवनी का समय निकल रहा है। हम किसानों ने आपस में 40 हजार रुपए इकट्ठे किए और 30 बैग सीमेंट, गिट्टी लाकर रोज इसकी मरम्मत कर रहे हैं।
*घटबोरी और चिचबा में तो बुआई भी शुरू*
किसानों ने बताया कि घटबोरी और चिचबा में तो किसानों ने नहर के पानी का उपयोग कर बुआई भी कर दी है। हमारे गांव नीमखेड़ा में नहर दो जगह से टूटने से इसकी मरम्मत करना हमारी विवशता है। नहरों की मरम्मत और सफाई का कार्य विभाग को करना चाहिए था। वह हम किसान मिलकर कर रहे हैं, ताकि हम गेहूं, चने की बुआई कर सकें।
*दिसंबर शुरू, कब होगी बुआई*
नीमखेड़ा के किसानों ने जल संसाधन विभाग की लापरवाही पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि दिसंबर शुरू हो गया है। गेहूं चने की बुआई कब होगी, इसलिए हमने स्वयं के खर्च से नहर मरम्मत करने का कार्य शुरू किया है। विभाग का कोई जिम्मेदार यहां देखने नहीं आता।
मामले में जल संसाधन विभाग के न एसडीओ डोडवे ने फोन नहीं उठाया
किसानों का कहना है कि नीमखेड़ा में पिछले साल भी नहर की मरम्मत की थी। उसका पैसा आज तक नहीं मिला।