अब जनता चुन सकेगी अपना महापौर,नगरपालिका अध्यक्ष, व नगरपंचायत अध्यक्ष

रिपोर्टर- श्रीकांत सिंह
दैनिक दबंग केशरी एमसीबी
छत्तीसगढ़ में अब जनता डायरेक्ट अपना महापौर,नगरपालिका अध्यक्ष, एवं नगर पंचायत अध्यक्ष चुन सकेगी यानि कि हर मतदाता को दो वोट डालने मिलेंगे एक पार्षद का और दूसरा संबंधित क्षेत्र के महापौर, नपाध्यक्ष,व नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए वोट करने को मिलेंगे। आखिरकार लंबे ऊहापोह के बाद छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का निर्णय लेकर परिदृश्य को साफ कर दिया, दरअसल छत्तीसगढ़ में लंबे समय से नगरीय निकायों के चुनाव के पैटर्न को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी,हालांकि समय समय पर सरकार के प्रतिनिधि प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की बात कहते रहे हैं लेकिन आधिकारिक रूप से गत दिवस मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लेकर स्थिति को स्पष्ट कर दिया गया। साय सरकार के डायरेक्ट चुनाव कराने के फ़ैसले को लेकर न केवल भाजपाई बल्कि काँग्रेस नेताओं में भी उत्साह का माहौल हैं। लोग दबी जुबान से इस फ़ैसले का स्वागत कर रहे हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ में राज्य गठन के बाद 2019 को छोड़कर सभी नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष रीति से ही सम्पन्न हुए हैं। 2019 में तत्कालीन भूपेश सरकार ने राजनीतिक फ़ायदे को देखते हुए अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का निर्णय लिया था, जिसका प्रभाव चुनाव परिणाम में भी देखने को मिला। चौदह के चौदह नगर निगम में काँग्रेस के महापौर निर्वाचित हुए और अधिकांश नगरपालिका, नगरपंचायतो में भी काँग्रेस ने रिकार्ड जीत दर्ज की, तब विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने भूपेश सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए और इस प्रणाली का यह कहकर विरोध किया कि इससे धनबल,सत्ता का दुरुपयोग होता हैं। गत चुनाव में चुनाव परिणाम आते ही निर्वाचित पार्षदों के शहर से गायब रहने की खबरें चर्चा का विषय रही।
*प्रत्यक्ष प्रणाली बेहतर*
राजनीति क्षेत्र से जुड़े लोग स्पष्ट तौर पर प्रत्यक्ष प्रणाली के हिमायती रहे हैं। जानकार बताते हैं प्रत्यक्ष प्रणाली में महापौर,अध्यक्ष जनता के प्रति ज्यादा जवाबदेह रहते हैं उन्हें वापस बुलाने का अधिकार जनता के ही पास होता हैं जबकि अप्रत्यक्ष प्रणाली में पार्षद सर्वेसर्वा होता हैं, आम नागरिक के अधिकार सीमित हो जाते हैं उन्हें सिर्फ पार्षद को चुनने का अधिकार रहता हैं।
*जल्द आरक्षण की प्रक्रिया होगी*
चुनाव प्रणाली स्पष्ट होने के बाद अब सरकार नगरीय निकायों के महापौर,नगरपालिका अध्यक्ष व नगरपंचायत के अध्यक्षो के सीटो के लिए जल्द आरक्षण प्रक्रिया सम्पन्न करेगी,ताकि किस सीट पर किस वर्ग के प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेंगे,यह स्पष्ट हो सके। नगरीय निकायों के महापौर, अध्यक्षो के लिए राजधानी रायपुर में सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया सम्पन्न होगी व पार्षदों के लिए कलेक्ट्रेट में सीटो के आरक्षण प्रक्रिया कराई जाएगी।
*चुनाव प्रणाली तय होते ही राजनैतिक सरगर्मी बढ़ी*
सरकार के डायरेक्ट चुनाव कराने के फैसले के साथ ही छत्तीसगढ़ में राजनैतिक सरगर्मी बढ़ गयी हैं ,हालांकि इस बढ़ती सरगर्मी पर उफ़ान सीटों की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही आएगी।