बौद्ध पद्धति से सम्पन्न हुई पगड़ी रश्म

रिपोर्ट प्रेम कुण्डले
दबंग केसरी बड़वाह/ग्राम नांदिया. (बड़वाह ) समाज सेवी दादी स्व. मगनबाई भार्गव की पगड़ी रस्म मे बौद्धिक विचारक भंते श्री एम.आर.वालवांडरे. ने बुद्ध वंदना प्रस्तुत कर भावार्थ समझाया..समाज प्रेरणास्रोत-पुष्पेन्द्र रावल ने समाजजनों को मौन धारण कराने के पश्चात सामाजिक संदेश दिया एवं शोकाकुल सभा का संचालन भी किया। तथा समाज को अंधविश्वास व पाखंडवाद से मुक्त होकर अम्बेडकरवादी व विज्ञानवादी विचारों को आत्मसात करने की प्रेरणा भी दी। बलाई समाज समिति अध्यक्ष पू.सरपंच.समाज पटेल.वरिष्ठ समाज सेवी मा. महेश सिटोले. ने श्रद्धा संबोधन मे कहा हमे केवल बाबा साहब की ही राह पर चलना चाहिए. उसी मे समाज का हित है. मनुवादी कुरीतियों को बंद करे ।ब.स. समिति संस्थापक. जगदीश खांडे. ने भी कहा पेरावणी प्रथा व खर्चिली प्रथाये बंद करना चाहिए व हमे डा.अम्बेडकर के शिक्षा संगठन व संघर्ष के मूल ध्येय को अमल मे लाये। समाज सेवी अनिल मंसारे ने भी बताया कि हमे बर्तन भेट के स्थान पर बाबा साहब के छायाचित्र व साहित्य भेट करना चाहिए। भंतेश्री मा.राजेश खोड़े ने कहा गरीब को अधिक टीका आर्थिक सहारा देना चाहिए व सहभोज मे सादा भोजन कराये। बीएसी सुनील भालेकर ने कहा शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देवे तथा संघर्ष करके समाज मे एकजुटता बनाना है. व हमे महापुरुषों के आदर्शों को अपनाकर समाज को विकसित करना होगा. बीआरसी महेश कनासे ने कहा शराब का सेवन बंद करके स्वच्छ समाज का निर्माण करना है. केवल महापुरुषों के आदर्शों को अपनाये । प्रमोद वर्मा ने कहा अंधविश्वासी कुरीतियों को दूर करके नये समाज का सृजन करना होगा। एवं समाज सुधार का दायित्व पढ़े लिखे वर्ग का ही है। तुलसीराम चौहान ने कहा समाज मे हमे जमीनी कार्य करना होगा तब समाज मे सुधार होगा। आज अतिथियों ने अपने मांगलिक कार्यो मे बौद्धिक पद्धति को अपनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम मे टीका प्रथा बंद की गयी जिससे समाज को अनूठी प्रेरणा मिली. इस कार्य मे मिठाई नही बनाना तथा पेरावणी प्रथा व बर्तन पात्र भेट भी बंद करने से समाज मे एक नयी जागृति आई है। पुष्पेन्द्र रावल व समिति ने डा.अम्बेडकर का छायाचित्र परिवार को सादर भेट किया. समापन पर सादगी से सहभोज आयोजित किया. शोक सभा मे बीएसी रघुनाथ धारेकर. नंदकिशोर कोचले. बल्लूजी कनाडे.आदि पधारे थे। आभार- पूनमचंद भार्गव ने माना।