इतिहासकारों ने महापुरुषों के साथ न्याय नहीं किया : राजेंद्रदास देवाचार्य

रिपोर्टर – अंकित सिंह राजपूत
नगर लिधौरा कि अंतिम दिन की कथा में महाराज जी ने बताया है कि महापुरुषों के साथ सबसे ज्यादा अन्याय इतिहासकारों द्वारा किया गया l भारत के वीर धर्मनिष्ठ राजाओं का इतिहास हमसे छुपाया गयाl ऐसा ही इतिहास ओरछा नरेश वीरसिंह जी महाराज का रहा, जिन्होंने 81मन सोना दानकर मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि का निर्माण कराया l यह बात प्रवचन करते हुए अग्रमलूकपीठाधीश्वर राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज ने कही l
स्थानीय बड़ा मन्दिर पर सप्त दिवसीय भक्तमाल कथा का आज 3 दिसंबर कों भंडारे के साथ विश्राम किया गया l कथा सुनाते हुए जगद्गुरु अग्रमलूकपीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्रदास देवाचार्य महाराज ने कहा की अग्रदास जी महाराज के समय रेवासा समृद्ध शाली नगर था l जब वह यहां पहुंचे तब मीठे पानी की समस्या थी l उनके ही संकल्प से एक कुआँ में गंगा जी प्रकट हो गईं l एक कुआँ का पानी मीठा था, बांकी सब जगह पानी खरा था l उनके ही शिष्य आमेर नरेश मानसिंह थे, जिनके बारे में झूठा इतिहास लिखा गया l वह धर्मनिष्ठ प्रतापी राजा थे l वह अकबर के सेनापति थे, उनके साथ अकबर श्रीअग्रदास महाराज के दर्शन करने रेवासा धाम आया था l यदि वह न होते तो अनेक मन्दिर और ग्रन्थ नष्ट हो जाते l देवाचार्य ने कहा की इसी तरह ओरछा नरेश राजा वीरसिंह का इतिहास है l जिनके काल को बुंदेलखंड का स्वर्णिम काल कहा जाता है l उनके ही द्वारा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कराया, साथ ही वृजक्षेत्र में अनेक कुंड का जीर्णोधार कराया l लेकिन अंग्रेजों के समय कम्युनिस्ट विचारधारा के लोगों द्वारा इतिहास गलत लिखा गया l यह महापुरुषों के साथ अन्याय हुआ है l उन्होंने ने कहा की वीरसिंह जी महाराज द्वारा वीरमित्रोदय नामक ग्रन्थ लिखा, उसमें सब वर्णन है l एकबार सभीको जरूर पड़ना चाहिए l लेकिन इतिहासकार उन्हें जहांगीर का पिट्ठू बताते हैं, जबकि उन्होंने जहांगीर को उसके ही पिता से बचाया था l जो वीरसिंह को अपना धर्म पिता मानता था l देवाचार्य महाराज ने कथा उपरांत आयोजन में सहयोग करने वाले भक्तों को धन्यवाद सहित आशीर्वाद दिया l आज लिधौरा बड़ा मन्दिर के महंत और अधिकारी के रूप में चादरपोसी रामलखन दास और संतदास जी महाराज को की गई l इस अवसर पर पीपाधाम से झंकारेश्वरदास त्यागी, महामंडलेश्वर रामगोपाल दास,अशोक नारायण दास गोवर्धन, ललितपुर से गंगादास महाराज, बुंदेलखंडपीठाधीश्वर सीताराम दास, राधेश्याम दास ओरछा,टीकमगढ़ झाँसी मण्डल के संत महंत, अनेक तीर्थों से आये संत, हजारों भक्त मौजूद रहे l