बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर ब्यावरा में हिंदुओं का विरोध प्रदर्शन

रिपोर्ट = धर्मेंद्र पुष्पद
मंगलवार को राजगढ़ जिले के ब्यावरा में सर्व हिंदू समाज के आह्वान पर बंग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध प्रदर्शन रैली निकालकर एसडीएम को ज्ञापन दिया गया । विरोध प्रदर्शन रैली ब्यावरा क्लब ग्राउंड से प्रारंभ हुई जो की नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई पीपल चौराहा पहुंची। जहां पर जनसभा हुई जनसभा को संतो और वक्ताओं ने संबोधित किया ।
उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा की हिंदुओ को जागना होगा आज भारत देश में कागज के रावण जलाते जबकि जिंदा रावण घूम रहा। कहा कि आज बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा हिंदुओं के मकान तोड़े जा रहे जलाए जा रहें, लेकिन कोई भी यूनाइटेड इसका विरोध नहीं कर रही। बांग्लादेश में मानव अधिकार नहीं है क्या ? हिंदुओं पर अत्याचार लगातार जारी है। संतो ने कहा हिंदू समाज अब भी जागृत नहीं होगा तो आगे और भी कष्ट झेलना पड़ेगा।
हिंदू विरोधी ताकत आज जोर लगाकर काम कर रही उसे जबाव देना होगा। संतो ने कहा कि आज पार्टियों द्वारा अपनी रोटियां सेकने के लिए हिंदुओं को जाती में बांट दिया और हम भी पार्टियों की विचारधारा को अपना रहे और जाति में बटते जा रहे। राजनैतिक पार्टियों द्वारा हिन्दुओं को बाटा जा रहा लेकिन हमें पार्टियों के चक्कर में नहीं पढ़ना। हिंदू समाज जात, धर्म ऊंच नीच को भूलकर एकता का संदेश दिया। आज बांग्लादेश में हिंदुओं पर बर्बरता की जा रही जो गलत है भारत देश के सकल हिंदू समाज इसकी निंदा करता है। सभा के अंत में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हो रहे अत्याचारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए समस्त हिन्दुओं को एकजुट होकर अन्याय के खिलाफ मुकाबला करने का संकल्प व प्रतिज्ञा दिलवाई गई
*एसडीएम को दिया ज्ञापन*
सकल हिंदू समाज की सभा होने के बाद संतो सहित हिंदू समाज के लोगों ने राष्ट्रपति के नाम एसडीएम ब्यावरा गीतांजलि शर्मा को ज्ञापन दिया गया ज्ञापन में उल्लेख किया कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे इस्लामिक अत्याचार हो रहा है। हिंदू समुदाय पर हो रहे लगातार अत्याचारी और उनके मानवाधिकार पर हनन हो रहा। हाल के वर्षों में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक विशेषकर हिन्दू समुदाय, अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे है। धार्मिक असहिष्णुता, मंदिरों और पूजा स्थलों पर हमले, महिलाओं पर यौन हिंसा, संपत्ति की जबरन हड़प, और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं लगातार बढ़ रही है, बांग्लादेश जो भारत का निकटतम पडोसी देश है. धार्मिक सहिष्णुता और मानवाधिकारी के लिए जाना जाता है लेकिन दुर्भाग्यवश, पिछले कुछ वर्षों में वहां हिन्दू अल्पसंख्यकी पर हमने और उत्पीड़न की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। बांग्लादेश में विभिन्न मौकों पर दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले, देवी-देवताओं की मूर्तियों को खड़ित करना, मंदिरों को जलाना, और हिन्दू, परिवारों पर अत्याचार कर बांग्लादेश के हिन्दू समाज को भयभीत किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वहाँ धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं। भारत, जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, ऐसे समय में चुप नहीं रह सकता जब हमारे पड़ोसी देश में धार्मिक उत्पीड़न हो रहा ऐसी स्थिति में भारत सरकार को हस्तक्षेप कर बांग्लादेश सरकार के साथ इस मुद्दे को उच्चतम स्तर पर उठाना चाहिए वहां के हिन्दू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक कदम उठाने चाहिए। समुदाय से सहयोग संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश पर कार्रवाई होना चाहिए आदि अन्य मांग ज्ञापन में रखी।
दुकानें बंद रख प्रदर्शन में हुए शामिल-
बांग्लादेश में हिन्दुओं के अत्याचार के खिलाफ भारत में हर एक हिन्दु अपना काम धंधा छोड़कर विरोध जताकर घोर निंदा कर रहे है। ऐसा ही ब्यावरा शहर में मंगलवार को देखने को मिला। सकल हिंदू समाज द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन में शहर के दुकानदारों ने भी पूर्णतय सहयोग किया और अपनी अपनी दुकानें बंद कर रेली में शालिम हुए। पूरे बाजार की दुकानें चार बजेे तक बंद रही। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता, समरसता के लिए कार्य करने वाले लक्ष्मीनारायण चौहान, महामंडलेश्वर रघुनाथ दास महाराज, नीलेश महाराज, दीपेंद्र दास, द्वारिका प्रसाद शर्मा, भगवाताचार्य प्रमोद नागर, सुदर्शन शर्मा, अजय तिवारी, गोविन्द शर्मा, आशा शर्मा, दुर्गाशंकर महाराज, जगदीश शास्त्री, मथुरालाल, कामेश कृष्ण , मंहत रामकृष्ण भारती सहित कई संत व समाज प्रमुख उपस्थित थे।सभा का संचालन भगवाताचार्य सतीश नागर ने किया, जबकि आभार द्वाराका प्रसाद शर्मा ने व्यक्त किया।