24 साल की लड़की ने क्या किया ऐसा कारनामा, अब हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे हुआ नाम दर्ज

रिपोर्ट विपिन जैन
बड़वाह- दुनिया मे ऐसे बहुत कम ही लोग होते है, जिनके अंदर कुछ नया-कुछ अलग करने का जुनून होता है। एक ऐसी ही लड़की है बुलबुल जाट, जिन्होंने महज 24 साल की उम्र मे ऑस्टेलिया की सबसे उंची चोटी पर तिरंगा लहराकर एवं वंदे मातरम का गायन करके हाई रेंज विश्व वर्ल्ड बुक मे अपना नाम दर्ज करवाया है। विश्व पटल के इतिहास मे नाम लिखने वाली बुलबुल जाट पिता तुलसीराम जाट जो बड़वाह तहसील के अंतर्गत काटकूट की निवासी है। इन्होंने ने ऑस्टेलिया की सबसे उंची चोटी पर कंपकपाती 7 डिग्री की ठंड मे भारतीय स्वतंत्रता दिवस की 75 वर्षगांठ मे अमृत महोत्सव के दौरान 16000 फीट की उंचाई पर स्थित काशी पीठ चोटी पर चढ़ाई कर देश का नाम रोशन किया। उनके साथ मे 9 सदस्य भी थे। काफी उंचाई पर सदस्यो के साथ बुलबुल ने वंदे मातरम् भी गाया था। जिसके बाद क्षेत्र मे वापस लौटने पर बुलबुल का सम्मान किया गया था। अब बुलबुल को एक ओर उपलब्धि हासिल हुई है। ऑस्टेलिया गए सदस्य टीम को हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्था ने प्रशस्ति पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया है। यह सम्मान उन्हें इतनी उंचाई पर वंदे मातरम् गायन करने पर दिया गया है।
उनकी इस उपलब्धि पर विशिष्ट मेडल एवं प्रमाण पत्र के साथ खरगोन पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा ने अपने हाथों से बुलबुल को प्रदान किया। उनकी इस बड़ी उपलब्धि पर पूरे क्षेत्र मे हर्ष का माहौल है। उनके पिता तुलसीराम एवं दादा आत्माराम जाट ने कहा कि बुलबुल बचपन से ही पढाई के साथ-साथ देश सेवा की बाते करती रहती थी।
*हिमालय पर लहरा चुकी है तिरंगा.
हिमालय की चोटियों पर तिरंगा लहराती यह पर्वतारोही कोई ओर नहीं यही बुलबुल जाट थी! हिमालय की ऊंचाइयों को छुने का ख्वाब देखा और कर दिखाया! प्रथम प्रयास में हिमालय की तलहटी से शुरुआत की कुछ दिन बाद दूसरे प्रयास में हिमालय की ऊंची चोटियों पर चढ़ाई की थी! उनको मार्गदर्शन देने वाले मुक्ति फाउंडेशन ऑफ यूथ के विशाल सन्नी बड़वाह के निवासी भी रहे है!
*14000 फीट ऊंचाई*
बुलबुल ने अपने साहस व दृढ़ इक्षाशक्ति के साथ प्रथम प्रयास में मिलिंद पर्वत पर 5 दिन में कुल 64 किमी लंबी व 14000 फीट तक की अधिकतम ऊंचाई फतह की । ऐसा बहुत कम देखने को आता है कि प्रथम प्रयास में ही कोई पर्वतारोही इतनी ऊंचाई हासिल कर पाए ।
*इंदौर मेट्रो को क्या कुछ कहा बुलबुल ने-
बातचीत मे बुलबुल ने कहा कि देश सेवा ही करना है मुझे मेरा जीवन अध्यात्म और देश सेवा के लिए सदैव तत्पर रहेगा। और मे आजकल की लड़कियों को यही संदेश देना चाहती हूं कि चार दीवारी से बाहर निकलों, चींटी जिस तरह दस बार पहाड़ चढ़ती और गिरती और सफलता प्राप्त करती है। उसी प्रकार हर लड़की हार ना मानकर अपने हुनर को बताना चाहिए। कि हम भी किसी से कम नही। मै अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय परिवार सहित मित्रों को देना चाहती हूं। जिन्होंने मुझे हौसला दिया है। और आगे भी देश सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगी।