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बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे इस्लामिक अत्याचार एवं उत्पीड़न के खिलाफ हिन्दू संघठन ने राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को दीया ज्ञापन

रिपोर्ट हारुन खान कुरैशी

नईसराय। सकल हिन्दू समाज संघठन पदाधिकारी व संतो के सानिध्य मे ज्ञापन दीया गया जिसमे बताया गया है हम भारत के नागरिक, आपका ध्यान बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय पर हो रहे लगातार अत्याचारों और उनके मानवाधिकारों के हनन की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। हाल के वर्षों में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक, विशेषकर हिन्दू समुदाय, अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। धार्मिक असहिष्णुता, मंदिरों और पूजा स्थलों पर हमले, महिलाओं पर यौन हिंसा, संपत्ति की जबरन हड़प, और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

बांग्लादेश जो भारत का निकटतम पड़ोसी देश है

धार्मिक सहिष्णुता और मानवाधिकारों के लिए जाना जाता था। लेकिन दुर्भाग्यवश, पिछले कुछ वर्षों में वहां हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हमले और उत्पीड़न की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। बांग्लादेश में विभिन्न मौकों पर दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले, देवी-देवताओं की मूर्तियों को खंडित करना, मंदिरों को जलाना, और हिन्दू परिवारों को उनके घरों से बेदखल करना आम होता जा रहा है।

इन घटनाओं ने ना केवल बांग्लादेश के हिन्दू समाज को भयभीत किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वहाँ धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं। भारत, जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, ऐसे समय में चुप नहीं रह सकता जब हमारे पड़ोसी देश में धार्मिक उत्पीड़न हो रहा हो।

*मुख्य समस्याएं:-

1.धार्मिक स्थलों पर हमलेः दुर्गा पूजा, काली पूजा, और अन्य हिन्दू धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान मंदिरों और पंडालों पर हमले।

2.महिलाओं पर अत्याचारः हिन्दू महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं।

3.संपत्ति का हरणः हिन्दू समुदाय की संपत्तियों पर जबरन कब्जा और उनके घरों को नष्ट करना। धार्मिक स्वतंत्रता का हननः हिन्दू त्योहारों और धार्मिक गतिविधियों को रोकने के लिए डर और धमकी देना

*हमारी मांगें:-

1. भारत सरकार से हस्तक्षेपः भारत सरकार को बांग्लादेश सरकार के साथ इस मुद्दे को उच्चतम स्तर पर उठाना चाहिए और वहां के हिन्दू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक कदम उठाने चाहिए।

2 अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोगः- संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश में हो रहे इन अत्याचारों की जांच और रोकथाम के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जाए।

3 पीड़ितों को राहतः- भारत सरकार एवं विश्व के मानवाधिकार संगठनों को बांग्लादेश में पीड़ित हिन्दू परिवारों को कानूनी, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करनी चाहिए।

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