राम वन गमन की कथा सुन भावुक हो गए श्रद्धालु

रिपोर्टर-शिव लखन शुक्ला
अनूपपुर (बिजुरी): बिजुरी वार्ड नम्बर 06के बिजुरी कालरी मुहाड़ा दफ़ाई में चल रही संगीतमयी श्रीराम कथा में प्रयागराज से आए कथावाचक राजेन्द्र प्रसाद तिवारी ने जब राम वन गमन की कथा का मार्मिक वर्णन किया तो श्रद्धालु भावुक हो गए। कथा व्यास ने कहा कि चारों पुत्रों का विवाह होने के बाद राजा दशरथ ने श्रीराम को अयोध्या का राजा बनाने का निर्णय लिए। यह समाचार सुन नगर में खुशियां मनाई जाने लगीं। इसी बीच महारानी कैकेयी ने राजा दशरथ से राम को चौदह वर्ष वनवास का वर मांग लिया। पिता की आज्ञा पाकर भगवान राम ने जब भाई लक्ष्मण व पत्नी सीता के साथ वन के लिए प्रस्थान किया तो पूरी अयोध्या नगरी उनके पीछे-पीछे चल पड़ी जिन्हें राम ने वापस किया। जब भगवान राम गंगा नदी पार करने के लिए उसके तट पर पहुंचे तो यह खबर सुनते ही निषाद राज गुह्य खुशी से फूले नही समाए। उन्हें नदी के पार उतारा। जब भगवान राम उतराई के तौर पर निषाद को मां सीता की अंगूठी देने लगे तो निषाद राज ने कहा कि हे भगवान जिस तरह मैने आपको नैया से गंगा के इस पार उतारा है, उसी प्रकार आप मेरी भी नैया को भवसागर से उस पार लगा लेना। इधर पुत्र विक्षोह से व्याकुल होकर राजा दशरथ ने अपने प्राणों का परित्याग कर दिया। रामवन गमन की कथा सुन श्रद्धालुओं की आंखे भर आईं। कथा का आयोजन वार्ड नम्बर 6 की पार्षद नमिता कैलाश कोल के द्वारा किया जा रहा है।कल की कथा में नगरपालिका अध्यक्ष सहबिन पनिका,उपाध्यक्ष प्रीति सतीश शर्मा पार्षद लक्ष्मी मुकेश शुक्ला,गुंजन साहू के साथ नगरपालिका आर आई लखन लाल पनिका के साथ बड़ी संख्या में नगर वासी मौजूद रहे।