दस दिनों बाद नवीन तालाब पर आज फिर कार्य शुरू कार्यस्थल पर पहुचे मजदूर

रिपोट लक्ष्मण रैकवार
तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाली वीट तिपनी मे वन विभाग द्वारा आर एफ 187मे आज लगभग दस दिनों बाद आज काम प्रारम्भ हुआ है। पिछले दिनो हूई भारी वारिश के चलते वहा पानी बहुत भर गया था जिसके कारण वहा पर मिट्टी का कार्य होना मुश्किल था इसलिए वहा पर उच्च अधिकारियो के मार्गदर्शन मे काम बंद कर दिया है। यहा एक नवीन तालाब लगभग 22लाख रूपये की अधिक राशि से नवीन तालाब बनाया जा रहा है जो की मनरेगा मद से बनाया जा रहा है।बन रहे तालाब की मेड की लम्बाई करीब 220मीटर लम्बी है ओर इसकी ऊचाई करीब चार मीटर जायेगी। ग्रामीण इलाकों के मजदूरों को मनरेगा योजना के तहत उन्ही के ग्राम मे रोजगार दिया जाता है ओर मजदूरी उनके खाते मे आती है। ग्राम तिपनी,बगदरी,गुबरा, दुकरसता जगली क्षेत्र होने के कारण यह रोजगार का साधन सिर्फ खेती है ओर जिनकी खेती नहीं है वे सिर्फ मजदूरी करने दूसरे जिलों को जाते है। इन्ही को रोजगार देने के तथा खेती के लिए एवं मवेशियों तथा जंगली जानवरो को पीने के पानी की ब्यवस्था हेतु वन विभाग द्वारा आर एफ 187मे नवीन तालाब बनाया जा रहा है जिसमे करीब 10दिनों के बाद आज काम शुरू हुआ है। डिप्टी रेंजर गणेश श्रीवास्तव ने बताया की आज सुबह करीब 20मजदूर काम पर आये हुए है चुकी आज ठंड बहुत थी इसलिए महिलाये तथा 40वर्षीय मजदूर 11बजे तक आएंगे। उन्होंने बताया की अभी भी पानी भरा हुआ है उसमे मिट्टी की खुदाई तथा मेड (पार )का काम हो नहीं सकता है। इसलिए पिचन एवं खंडजा के लिए जो पत्थर लगने है उनको फोड़कर उन्हें एकत्रित किया जा रहा है। जहाँ पर तालाब बन रहा है वहा पर करीब 50एकड़ से अधिक भूमि पर किसान खेती करते है जहा पर उनकी खेती के लिए कोई सिचाई का साधन नहीं था। वहा मिले किसान कमल गोंड, सादुराम गोंड, अनिल राय, कंछेदी गोंड,बेनी गोंड, शिवम् गोंड, ब्रजेश राय, अशोक चक्रवर्ती,चंदा गोंड तखत सींग,लीला बाई, धर्मवाती ,चूरामन चक्रवती ने बताया की यह तालाब बनकर तैयार होगा तब हमारी यह 50एकड़ से अधिक भूमि सिचित होंगी ओर हम साल मे तीन फसले लेने लगेंगे तब हमारी आय भी बढ़ जाएगी।मोके पर काम कर रहे मजदूर दुर्गेश, रामलाल, संदीप धर्मेन्द्र, शिवानी,राखी, सोहिल, बेगूं,आजाद,अभीशेख राजा , अनिल, चांउरी वाई ,पवन,मोनू, अरविंद ने बताया की हम आज काम पर आये है ओर हमें काम की अत्यधिक आवश्यकता थी क्योंकि इस जगल मे कोई दूसरा आय का साधन नहीं है, हम लोग यह अब रोज काम करने आएंगे क्योंकि कुछ दिनों बाद मकर संक्रन्ति भी आने वाली है। अगर यह हमें रोज काम मिल जायेगा तो त्यौहार अच्छे से हो जायेगा।