DMF पर छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला..नए कार्यों पर लगी रोक डीएमएफ शासी परिषद की बिना प्रशासकीय स्वीकृति के कोई नया कार्य प्रारंभ नहीं होगा

रिर्पोट मोहम्मद शाहनवाज
रायपुर छत्तीसगढ़ नए निर्देश जारी
जिले के सभी नवनिर्वाचित विधायक होंगे डीएमएफ शासी परिषद के पदेन सदस्य
जिला खनिज संस्थान न्यास(डीएमएफ) राशि के उपयोग और स्वीकृत कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ा फैसला लिया है। जिला खनिज संस्थान न्यास(डीएमएफ) की शासी परिषद द्वारा ऐसे कार्य जिन्हें प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, लेकिन कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, ऐसे सभी अप्रारंभ कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
नए दिशा-निर्देश जारी
बुधवार को खनिज विभाग द्वारा नए निर्देश जारी किए गए हैं। सभी कलेक्टर-सह-अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास को छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 के नियम-10, 11 व 12 (1) के संदर्भ में कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया है। छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 (यथा संशोधित) अंतर्गत कलेक्टर-सह-अध्यक्ष, जिला खनिज संस्थान न्यास/शासी परिषद द्वारा ऐसे कार्य जिन्हें प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, लेकिन कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, ऐसे अप्रारंभ कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। शासी परिषद् द्वारा ऐसे अप्रारंभ कार्य की पुन: समीक्षा की जाए। इसके बाद शासी परिषद के निर्णय/अनुमोदन अनुसार ही अग्रिम आवश्यक कार्यवाही की जाए। कलेक्टर-सह-अध्यक्ष, जिला खनिज संस्थान न्यास द्वारा शासी परिषद के बिना प्रशासकीय स्वीकृति के कोई भी नए कार्य प्रारंभ नहीं किए जाएं। छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के नियम-10 (1ख) के प्रावधान अंतर्गत संबंधित जिले के सभी नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्य, जो पदेन सदस्य हैं। ऐसे सभी विधानसभा सदस्यों को तत्काल सूचित किया जाए। छत्तीसगढ़ जिला खनिज सस्थान न्यास नियम 2015 के नियम-10(2), 10 (3) व 10(4) के प्रावधान अंतर्गत संबंधित जिले के ऐसे नामांकित जनप्रतिनिधियों/सदस्यों जिनकी कालावधि 3 वर्ष पूर्ण हो चुकी है, उनके स्थान पर नए नामांकन किए जाएं।
मोदी की गारंटी में वादा किया था
गौरतलब है कि डीएमएफ के कामों में कांग्रेस शासनकाल में भारी भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भाजपा लगातार आक्रामक रही। ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां पहले से ही डीएमएफ के पैसे से हुए कामों में गड़बडि़यों की जांच चालू कर चुकी हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अपने संकल्प पत्र में कांग्रेस शासनकाल में भारी भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच का वादा किया गया था। मोदी की गारंटी में वादा किया है कि प्रदेश में जिला खनिज न्यास के तहत प्रति दो वर्ष में अनिवार्य सामाजिक अंकेक्षण(सोशल ऑडिट) और वार्षिक जिला खनिज न्यास रिपोर्ट कार्ड के प्रकाशन के माध्यम से भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाएगा।