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विवाह पंजी संधारण पर सरपंच सचिवों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम!

रिपोर्ट अजय मालवीय

जिला पंचायत सभाकक्ष में शुक्रवार को विवाह पंजी संधारण पर सरपंच सचिवों का एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंत मीणा ने कहा कि सिर्फ रोड नाली पानी और सड़के बनाने से ही ग्राम विकास नहीं होता गांवों में व्याप्त सामाजिक कृतियों को दूर करने से ही सही मायने में ग्राम विकास होगा। आयोजन में जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदोरिया ने जन्म और मृत्यु पंजीयन की तरह ही विवाह पंजीयन को भी अनिवार्य बतलाया। महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपक संकत ने कहा बाल विवाह रोकना हम सबकी जिम्मेदारी। एडीओ व्रन्दावन सिंह मीणा ने कहा सामाजिक बुराईयों को दूर करने व्यापक प्रचार प्रसार करना चाहिए। जिला सांख्यकी अधिकरी अशोक रिछारिया विवाह पंजी संधारण की जानकारी दी। प्रवीण झोंपे,विनोद सिंह और एक्सेस टू जस्टिस संस्थान के जिला समन्वयक अनिल भवरे ने बाल विवाह विषय पर जानकारी साझा की। इस अवसर पर कृषक सहयोग संस्थान के चयनित ग्रामों 50 ग्रामों के सांची बेगमगंज और गैरतगंज ब्लॉक की 21 पंचायत के 45 सरपंच, सचिवों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

*सिर्फ सड़कें नाली बनाना विकास नहीं*

जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंत मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा की है हम सभी का सपना है कि देश आत्मनिर्भर बने।उन्होंने कहा कि देश को आदर्श और आत्मनिर्भर बनाना है तो गांव को आत्मनिर्भर बनाना होगा। गांव को आत्मनिर्भर बनाए बगैर देश आत्मनिर्भर नही हो सकता।

*विवाह पंजियन संवैधानिक अधिकारों का प्रमाण

जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदोरिया ने विवाह पंजी संधारण विषय पर आयोजित सरपंच सचिवों के एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में विवाह पंजीयन को जन्म और मृत्यु पंजीयन से भी अधिक महत्वपूर्ण कहा। उन्होंने कहा कि यदि आप अपनी बालिका को विवाह पंजीयन उपहार में देते हैं तो यह एक संवैधानिक दस्तावेज है । यह संवैधानिक अधिकारों का एक लिखित दस्तावेज है। जो उसे उसके वैवाहिक जीवन मे भी संवैधानिक मानवाधिकार, समानता,शिक्षा सुरक्षा का भी प्रमाण है।

*बाल विवाह रोकना सभी की जिम्मेदारी*

महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपक संकट ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं कानून अपराध भी है बाल विवाह से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को दंड का प्रावधान है। ऐसा प्रयास करें की जन्म से ही किसी भी माता-पिता के दिमाग में बाल विवाह करने का विचार ही ना आए। संविधान के अनुसार बालिका की उम्र 18 वर्ष और बालक की उम्र 21 वर्ष होने के बाद ही विवाह किया जाए। बाल विवाह मुक्त आदर्श जिला बनाना हम सब की जिम्मेदारी है।

*नवयुगलों को दें विवाह प्रमाण पत्र*

जिले के सांख्यिकी अधिकारी अशोक रिछारिया ने सरपंच एवं सचिवों को विवाह पंजीयन संधारण करने का तरीका बताया उन्होंने कहा की सरपंच और सचिव यदि विवाह के समय ही वर वधु को कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर प्रमाण पत्र दिन तो यह नव दंपति के लिए सबसे अच्छा उपहार होगा। स्वच्छ भारत मिशन के विनोद सिंह बघेल और जिला पंचायत के प्रवीण झोंपे ने विवाह पंजी,आवेदन और इसके संधारण पर जानकारी दी।

*बाल हितैषी आदर्श जिला बनाना लक्ष्य*

एक्सेस टू जस्टिस संस्था के जिला समन्वयक अनिल भवरे ने बताया कि संस्था जिले में बाल विवाह बाल यौनशोषण,बालश्रम और बाल तस्करी जैसे मुद्दों पर कार्य कर रही है। बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को दूर करने में सामाजिक सहभागिता आवश्यक है। हम सब मिलकर ही बाल विवाह मुक्त पंचायत बाल विवाह मुक्त जिला बनाकर बाल विवाह मुक्त भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बाल हितेषी आदर्श जिला बनाने के लिए कार्यरत है। इस अवसर पर एक्सेस टू जस्टिस संस्था के कार्यकर्ता मोनिका ठाकरे, मीना रैकवार, अमित चक्रवर्ती राजकुमार साहू,नेहा प्रजापति सहित पंचायतों के सरपंच और सचिवों ने भाग लिया।

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