प्राचीन धर्म धरोहर मंदिरों के रक्षण हेतु प्रशासन को गंभीरता से कार्यवाही करना होगी

रिपोर्ट : राजेश पटेल
बुरहानपुर जिला प्रशासन के उदासीन अर्थहीन लचर रवैये के कारण जिले के हिंदू धार्मिक पुरातन धर्म स्थान अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है |
सर्व विदित है कि प्रदेश में बुरहानपुर जिला सीमावर्ती होने के साथ ही अति संवेदनशील क्षेत्र के रुप में चिन्हित है , इसके पश्चात भी भाजपाई सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेकर अनुभवी प्रशासनिक अधिकारी के बजाय नये अधिकारियों को जिले की कमान सौंप कर प्रशिक्षण शाला बना दिया है | जिसके उदाहरण निरंतर दिखाई दे रहे हैं , प्रत्यक्ष प्रमाण श्री इच्छेश्वर हनुमान मंदिर का न्यायालीन विचाराधीन प्रकरण है | जहाँ उच्चतम न्यायालय के आदेश की व्याख्या ही बदल दी गई और भक्तों को भगवान् की सेवा से ही दूर कर दिया गया |
इसके साथ ही एक वर्ष से अधिक समय से प्रशासन के समक्ष हिन्दुओं की आस्था विश्वास श्रद्धा के प्रमुख स्थान पुरातन धर्म क्षेत्र खुजली माता मंदिर के संरक्षण और पूजा के केन्द्र हरे भरे पीपल पेडों को निर्दयता से काटने वालों के विरुद्ध आज तक कार्यवाही करने का आवेदन निवेदन फाईल में बंद प्रतीक्षा कर रहा है | इसी प्रकार श्री प्रेमचंद हनुमान मंदिर के पहुँच मार्ग के रक्षण हेतु सीमांकन का आवेदन प्रशासनिक कार्यालय के किसी कोने में धूल खा रहा है | बार बार स्मरण दिलाने के पश्चात भी कोई सुनवाई नहीं है | नगर सहित जिले के अनेकों हिन्दू धर्म स्थानों के संरक्षण संवर्धन के लिए प्रशासन के समक्ष आवेदन निवेदन पत्र कार्यवाही की प्रतीक्षा में है , जिसके कारण पुरातन हिन्दू धर्म धरोहर कहीं अवैध अतिक्रमण बलात कब्जे से अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है , जिसके परिणामस्वरूप हिन्दुओं में गहरा आक्रोश व्याप्त है |
उक्त जानकारी देते हुए श्री प्रेमचंद हनुमान मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक आशीष शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को अपनी कथनी और करनी एक करके जनविश्वास को बनाये रखना होगा अन्यथा धर्म सेवकों भक्तों सहित जनाक्रोश फूटने से रोका जाना असंभव हो जायेगा |