सेमरा में सत्संग के नाम पर समाज मे परोसा जा रहा जहर,आयोजक एवं तथाकथित कथाकार पर मुकदमा दर्ज

रिपोर्टर राजा दिवाकर मिश्रा
मानपुर/नगर परिषद मानपुर के वार्ड क्रमांक 1 सेमरा में इन दिनों एक सत्संग चल रहा है। इस कार्यक्रम के आयोजक बालक दास पटेल,दुर्गेश कुशवाहा एवं अन्य है। ज्ञात हो कि बालक दास पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनुजा पटेल के ससुर है। आखिर बालक दास को ऐसी क्या जरूरत पड़ गई जो जहर उगलने वाले ब्यक्ति को नगर परिषद में बुलाकर यहां की फिजा को दूषित करवा रहे है। हलाकि यह सत्संग नही बल्कि सनातन विरोधी द्वारा किया जा रहा अनर्गल प्रलाप है। नाम तो संतो के संग का है किंतु वक्ता के वक्तव्य सुनने से ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे कोई हिन्दू विरोधी ब्यक्ति चुन चुन कर हमारे आराध्य को टारगेट कर रहा है। कार्यक्रम का यूट्यूब पर वीडियो भी डाला गया है यूट्यूब चैनल पर डिस्क्रिप्शन भी डाला है जिसमे अपने आपको यह पाखंड विरोधी बता रहा है। किंतु इसके कृत्य पूर्णता हिन्दू विरोधी है।
मानपुर नगर में ये ब्यक्ति जहर घोल रहा है। लोगो को भजन के नाम पर गुमराह कर रहा है। करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है। इस भजन को गाकर हमारे आराध्य पर भद्दी टिप्पणी कर रहा है। ऐसे आयोजन समाज के एकत्व में खटाई डाल रहे है। सनातनियो का अपमान हो रहा है। भोलेभाले लोगो को गुमराह किया जा रहा है। गौतम बुद्ध के विचारों को असुद्ध रूप से परोसने पर थाना मानपुर में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है। ऐसे ब्यक्ति जो समाज को तोड़ने का कार्य करे समाज मे जहर घोलने का कार्य करे इन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होगी। प्रदेश की भाजपा सरकार किसी भी कीमत पर समाज विरोधियो को पनपने नही देगी। ऐसे कार्यक्रम जो समाज की एकता के ताने बाने को कमजोर करे हिन्दुओ को ही सनातन संस्कृति का दुश्मन बनाये सनातन संस्कृति सनातन मान्यताओं को गलत तरीके से प्रस्तुत कर समाज की भावना का अपमान करें ऐसे कृत्य करने वाले किसी कीमत में बख्शे नही जायेगे। आप जिस पंथ को मानते है उसके कार्यक्रम करिए कोई दिक़्क़त नही किन्तु कार्यक्रम की आड़ में हिन्दू विरोधी कृत्य कदापि बर्दास्त नही किया जाएगा। ऐसा करने वालो पर कानून का शिकंजा कसेगा।
बीते कुछ वर्षों से एक चलन बन गया है। वह ये की सनातन संस्कृति का अपमान करो बहुसंख्यक समाज की भावना को रौंद दो हिन्दू देवी देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करो और स्वयं को आधुनिक घोसित कर दो। बौद्ध जो कि सनातन की ही ब्रांच है। बौद्ध कोई अलग नहीं बल्कि भगवान श्रीहरि के अवतार है। बौद्ध के रूप में कुछ सनातन विरोधी अपना एजेंडा चला रहे है। समाज मे अलगाव का जहर परोस रहे है। सनातन संस्कृति पर अपनी ओछी मानसिकता का प्रदर्शन कर रहे है। ये बौद्ध कदापि नहीं हो सकते। गौतम बुद्ध ने कही भी देवी देवताओं का अपमान नहीं किया बुद्ध जी तो एकता के पर्याय थे समाज मे आई कुरीतियों को दूर करने का कार्य किया था। किंतु बौद्ध जी के नाम पर कुछ कालनेमि सनातन का विरोध कर रहे है। ऐसे लोगो पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिये।
बाबा भीम राव अंबेडकर जी ने भारत के स्वर्णिम संविधान की रचना की थी। बाबा साहब के बनाये संविधान में देवी देवताओं को प्रमुख इस्थान मिला है। संविधान की मूल प्रति में श्रीराम दरवार की छवि अंकित है। श्रीकृष्णजी गीता का ज्ञान देते हुए दिखाये गए है। हनुमानजी महाराज भी विराजमान है। इससे सिद्ध होता है कि बाबा साहब की प्रगाढ़ आस्था सनातन में थी। गौतमबुद्ध को सनातन विरोधी के रूप में प्रस्तुत करने वालो को चाहिये कि गौतमबुद्ध जी के जीवन का उनकी शिक्षाओं का अध्ययन करें। कुछ हिन्दू विरोधी बुद्ध जी की आड़ में अपने जहरीले इरादों पर कार्य कर रहे है। ऐसे लोगों की पहचान कर समय रहते कार्यवाही की जाए ताकि इन वैचारिक प्रदूषण से युक्तो को समाज मे बेनकाब किया जा सके।
तिब्बत के दलाई लामा जो बौद्ध पंथ के धर्म गुरु हैं कभी भी हिन्दू धर्म व देवी देवताओं के खिलाफ नहीं बोलते, बल्कि शिव जी की आराधना भी करते है।
भारत में हिन्दू, जैन व बौद्ध मंदिर भी एक साथ बने हुए हैं अजंता एलोरा की गुफाओं में आपको इसका प्रमाण मिल जाएगा। भारत में कुछ लोग जो अपने को बौद्ध पंथ का पैरोकार मानते हैं , इन्हें बौद्ध ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिये। ये लोग राजनीतिक कारणों से अपनी ढफली अपना राग अलापते रहते हैं। इन्होंने कभी बौद्ध देशों में जाकर देखा होता कि वहां की मान्यताएं कैसी है वो कैसे रहते हैं और क्या मानते हैं तो इनको सब समझ आ जाता। बौद्ध कोई अलग नही बल्कि क्षत्रीय राज कुमार द्वारा ईस्थापित पंथ है। बौद्ध को सनातन से अलग मानने वालों अच्छा होता आप गौतम जी की जीवनी पढ़ते।