शिवरीनारायण मेला एवं टेंपल सिटी में युवक की हत्या: प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

रिपोर्ट अनिल खूंटे
छत्तीसगढ़ जिला जांजगीर चांपा के शिवरीनारायण मेले में हुए दर्दनाक हत्याकांड ने केवल आम जनता को झकझोर दिया, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। इस वारदात में आरोपियों द्वारा मामूली विवाद के चलते बेल्ट, हाथ, मुक्के और चाकू से हमला कर युवक दीपेश बर्मन की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पुलिस ने चंद घंटों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या यह घटना रोकी नहीं जा सकती थी
क्या मेले में सुरक्षा केवल दिखावे के लिए थी
शिवरीनारायण मेला क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती होने के बावजूद एक युवक को बेरहमी से पीट-पीटकर मार दिया गया। यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर प्रशासन ने मेले में मौजूद संदिग्ध तत्वों पर पहले से निगरानी क्यों नहीं रखी अगर पुलिस का गश्त प्रभावी होता, तो इतनी बड़ी वारदात को रोका जा सकता था।
कहां थी पुलिस जब मारपीट हो रही थी?
घटना रात 8:30 बजे की है, जब मेला परिसर में काफी भीड़ होती है। अगर आरोपियों द्वारा बेल्ट और चाकू से हमला किया गया, तो क्या वहां मौजूद पुलिसकर्मी इतने अक्षम थे कि वे घटनास्थल तक नहीं पहुंच सके यदि पुलिस सही समय पर कार्रवाई करती, तो शायद दीपेश बर्मन की जान बच सकती थी।
प्रशासन की ढील और अपराधियों का दुस्साहस
यह घटना प्रशासन की लचर व्यवस्था का ही परिणाम है कि अपराधी खुलेआम मेले जैसी भीड़भाड़ वाली जगह पर भी इतनी बेखौफ होकर हत्या कर देते हैं। सवाल यह भी उठता है कि मेले में चाकू जैसे घातक हथियार कैसे पहुंचे क्या पुलिस द्वारा चेकिंग नहीं की गई थी
जल्द गिरफ्तारी लेकिन क्या न्याय मिलेगा
पुलिस ने महज कुछ घंटों में आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा ली, लेकिन इससे मृतक के परिवार को न्याय कैसे मिलेगा। ऐसे मामलों में पुलिस और न्यायालय की झ भूमिका पर जनता की पैनी नजर रहेगी।
शिवरीनारायण के मेले में ऐसे तो हर वर्ष मारपीट झगड़ा लड़ाई गुंडागर्दी मामला आता रहा है लेकिन इस वर्ष अब मर्डर भी स्टार्ट हो गया है जिसके चलते पुलिस प्रशासन की अवस्था दिखाई दे रही है। मर्डर से स्टार्ट हुए मेला का अंतिम क्या होगा अहम सवाल है क्या पुलिस प्रशासन नींद से जाकर मेले की चाक चौबंद व्यवस्था करती है या फिर अपने पुराने अडियल रवैया पर कायम रहती है।
*दीपेश का चार माह का मासूम बच्चा है*
घटना में मार्मिक बातें हैं कि मृतक दीपेश की डेढ़ साल पहले ही शादी हुई है और उसका हाल ही में बेटा हुआ है अब इस बच्चे को अपने पिता का साया नहीं मिलेगा दीपेश की पत्नी एवं माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है दीपेश ने बड़ी गलती की होती तो कुछ और बात थी उसका सिर्फ यह कसूर था कि किसी को गाली गलौज करने से मना किया इतने में क्रूर युवक को व नाबालिगों ने उसकी निर्मम हत्या कर दी।