युवा सारगर्भित संवाद के संस्कार से सामर्थ्यवान बनें”: प्रो. अमर सिंह

रिपोर्ट-वीरेन्द्र धाकड़
चांद- छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश शासन रेड रिबन योजना की गतिविधियों के अनुक्रम में शासकीय महाविद्यालय चांद में आयोजित व्याख्यान में प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि युवा सारगर्भित संवाद के संस्कार से सामर्थ्यवान बनें। युवा शक्ति का आदर्श वाक्य संवाद, शक्ति व समृद्धि है, जिसके मार्फत सशक्त राष्ट्र निर्माण संभव है। युवा अपनी संभावनाओं को असीमित रूप से विकसित कर दिव्य क्षमताओं से ज्वलंत प्रश्नों के समाधान निकाल सकते हैं और उनकी इच्छाओं को मनोवांक्षित अंजाम मिल सकते हैं। युवा डिजिटल क्रांति के आज के युग में तकनीक के बलबूते पर अलग पहचान बनाएं, तब तो बात बनती है। युवाओं को काल के प्रवाह में अतीत की गलतियों से सीखकर वर्तमान में अकूत शक्ति से अपनी अंतर्निहित संभावनाओं को उजागर कर सकते हैं। इस अवसर पर प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि विवेकानंद का ध्येय वाक्य “उठें, जागें और तब तक न रुकें जब तक अपने लक्ष्य प्राप्त न कर लें” काफी कारगर साबित हो सकता है। युवाओं को अपने उज्जवल भविष्य के लिए मजबूत आधार खड़ा करना चाहिए। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि युवा शक्ति मिशन का उद्देश्य गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर केंद्रित हो। प्रो . आर. के. पहाड़े ने कहा कि युवा असीम ऊर्जा का स्रोत हैं, उन्हें सिर्फ सही दिशा की जरूरत है। प्रो. सुरेखा तेलकर ने कहा कि युवा नौकरी लेने वाले नहीं, देने वाले बनकर मिसाल कायम करें। युवाओं का नजरिया आज के बाजार की जरूरत के अनुसार दक्षता संवर्धन से नवीन रोजगार सृजन हो। प्रो . संतोष उसरेठे ने कहा कि आज के युवाओं को समाज की बेहतरी के लिए सामाजिक पहलों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहिए। प्रो. सकरलाल बट्टी ने कहा कि युवाओं के सपने तब साकार होंगे, जब वे स्वयं सशक्त व आत्मनिर्भर होंगे। आज शिक्षा के साथ कौशल की महती आवश्यकता है। प्रो. रक्षा उपश्याम ने कहा कि युवा विकसित राष्ट्र निर्माण में जवाबदेही स्वीकार कर समाज के पुनर्निर्माण की भूमिका निभा सकते हैं।