जागेश्वरनाथ धाम बांदकपुर, स्थानीय जटाशंकर, नोहलेश्वर मंदिर नोहटा एवं मढ़कोलेश्वर मंदिर सहित जिले के विभिन्न स्थानों पर मनाया जायेगा महाशिवरात्रि महापर्व

रिपोर्टःराजेन्द्र तिवारी
जिले में महाशिवरात्रि पर्व 26 फरवरी 2025, दिन बुधवार को जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर, स्थानीय जटाशंकर दमोह, नोहलेश्वर शिव मंदिर नोहटा, मढ़कोलेश्वर मंदिर सीतानगर तहसील पथरिया सहित विभिन्न स्थानों पर मनाया जायेगा, महाशिवरात्रि के पर्व पर कई स्थानों पर धार्मिक जुलूस निकाले जायेंगें, श्रद्धालुओं का जन समूह दर्शन हेतु विभिन्न मंदिरों एवं धार्मिक स्थानों पर बड़ी संख्या में एकत्रित होना संभावित है, साथ ही अनेक स्थानों पर महाशिवरात्रि के मेलों का भी आयोजन भी किया जाएगा, पर्व को दृष्टिगत रखते हुये जिले के मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, जनसुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों के अधिकारियों को उत्तरदायित्व सौंपे हैं। निर्देशित किया है कि सभी संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि विभागवार व्यवस्थाएं समयबद्ध, समुचित एवं व्यवस्थित रूप से की जायें, साथ ही, मंदिरों, जुलूसों, एवं मेलों में दिये गये निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाये।
शांति समिति की बैठक आयोजित की जायें
राजस्व एवं पुलिस विभाग को निर्देशित किया है कि महाशिवरात्रि से पूर्व थाना स्तर पर शांति समितियों की बैठक आयोजित कर यह सुनिश्चित किया जाए कि साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे। शांति समिति की बैठको में संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, तहसीलदार एवं थाना प्रभारी अनिवार्य रुप से उपस्थित रहेंगे।
मेला स्थलों पर पुलिस नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाये
मंदिरों तथा मेलों में श्रद्धालुओं की संभावित संख्या का आंकलन कर उसके अनुसार सुव्यवस्थित योजना बनाई जाए तथा योजना का पालन सुनिश्चित किया जाये। आकस्मिक स्थिति से उत्पन्न संभावनाओं को देखते हुए इमरजेंसी रिस्पोन्स प्लान, जिन मंदिरों, मेला स्थलों में अधिक संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन अपेक्षित है वहाँ पर सुरक्षा एवं व्यवस्था संबंधी मॉक ड्रिल की जाये। विशेष परिस्थितियों के लिये एक मार्ग निर्धारण, विशेष परस्थितियों के लिये प्रवेश एवं निकासी द्वार भी निर्धारण किये जाए। मंदिर स्थलों, जुलूसों तथा मेला स्थलों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल व महिला पुलिस कर्मी तैनात किये जायें। मंदिर स्थलों तथा मेला स्थलों पर पुलिस नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाए एवं लाउड स्पीकरों की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मंदिरों एवं मेला स्थलों में लगे सी.सी.टी.व्ही. चालू स्थिति में रखे जाये तथा उनकी सतत् मॉनिटरिंग की जाये।
मंदिरों एवं मेलों के चारों ओर के अतिक्रमण को नियमानुसार हटाने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाये
महाशिवरात्रि पर्व के दौरान अपने अनुभाग सीमा अंतर्गत सतत् निगरानी रखते हुये कानून व्यवस्था सुनिश्चित करें। श्रद्धालुओं की संख्या को दृष्टिगत रखते हुये अनुभाग के मंदिरों/शिव मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों में कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाया जाना सुनिश्चित करें। राजस्व विभाग स्थानीय प्रशासन, पुलिस, और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। राजस्व विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों में बैरिकेडिंग, मार्गदर्शन साइनबोर्ड, और अन्य व्यवस्थाएं प्रभावी रूप से लागू हों। मंदिर प्रबंधन समिति, मेला आयोजन समिति, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, नगर पालिका/पंचायत विभाग, और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय बैठक आयोजित करें। बैठक में सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा सुनिश्चित की जायें। मंदिरों एवं मेलों के चारों ओर के अतिक्रमण को नियमानुसार हटाने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए। मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों का पूर्व निरीक्षण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाये कि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण हो जायें। मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों तक जाने वाले मार्गों की समीक्षा कर यातायात के लिए वैकल्पिक मार्ग और पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
मेला स्थल पर महिला पुलिस कर्मी की विशेष तैनाती की जाये
मंदिर/धार्मिक स्थलों, जुलूसों तथा मेला स्थलों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल व महिला पुलिस कर्मी की विशेष तैनात किये जायें। महिला पुलिस कर्मियों को ऐसे स्थानों पर नियुक्त किया जाए जहां महिलाओं की अधिक संख्या होती है, जैसे मंदिरों में लाइन, और मेले के प्रमुख स्थल आदि। मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों पर पुलिस बल की नियमित गश्त (Patrolling) सुनिश्चित की जाए। संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा बल की तैनाती की जाए। भीड़ नियंत्रण के लिए मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों में बैरिकेडिंग की प्रभावी व्यवस्था हो। बैरिकेडिंग का उपयोग मार्गदर्शन, भीड़ प्रबंधन और संवेदनशील स्थानों तक अनाधिकृत पहुंच को रोकने के लिए किया जाए। बैरिकेडिंग की नियमित जांच की जाए ताकि इसकी स्थिति कार्यशील और सुरक्षित रहे।
अवैध शराब की बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जाये
शराब के नशे में वाहन चलाने वालों की पहचान के लिए विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाए। पुलिस विभाग ब्रेथ एनालाइजर और अन्य उपकरणों का उपयोग करते हुए प्रभावी जांच करें और दोषी पाए गए व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाए। अवैध गतिविधियों यथा अवैध शराब की बिक्री, असामाजिक तत्वों की गतिविधियां और अन्य गैरकानूनी कार्यों पर कड़ी निगरानी रखी जाये। नियमित गश्त, खुफिया जानकारी का उपयोग, और स्थानीय समुदाय से संवाद स्थापित करके ऐसे कार्यों को रोका जाये। यातायात प्रबंधन की दृष्टि से यह सुनिश्चित किया जाये कि मंदिरों, जुलूस एवं मेलों पर यातायात सुचारू रूप से संचालित हो। आवश्यकतानुसार ट्रैफिक डायवर्जन की योजना बनाकर इसे स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं को पहले से सूचित किया जाये। मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों तक जाने वाले मार्गों की समीक्षा कर यातायात के लिए वैकल्पिक मार्ग और पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। पार्किंग की व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए एक विशेष पार्किंग प्लान तैयार किया जाएगा। इसमें पार्किंग स्थानों का निर्धारण और वाहनों के प्रवेश एवं निकासी के मार्गों का विवरण होगा, ताकि आगंतुकों को किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
मेला ट्रैफिक प्लान आवश्यकतानुसार तैयार किया जाये
ट्रैफिक प्लान में आवश्यकतानुसार रूट डायवर्जन की व्यवस्था की जाएगी, जिससे कार्यक्रम स्थल के आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम किया जा सके। ट्रैफिक प्लान में सुरक्षा उपायों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सुरक्षा कर्मियों की तैनाती महत्वपूर्ण चौराहों और कार्यक्रम स्थल के निकट की जाएगी, ताकि वे यातायात को नियंत्रित कर सकें और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दे सकें। ट्रैफिक प्लान के अनुसार, जनता को पर्व के दिन विशेष ट्रैफिक नियमों और निर्देशों के बारे में पूर्व में जानकारी दी जाएगी।
मेला स्थलों पर पर्याप्त संख्या में एम्बूलेंस व्यवस्था सुनिश्चित की जाये कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों पर पर्याप्त संख्या में एम्बूलेंस रखना सुनिश्चित किया जाये। एम्बूलेंस में डॉक्टर एवं कर्मचारियों की टीम मय उपकरण सहित सुसज्जित रखी जाये। जिले के सभी शासकीय चिकित्सालयों में आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में वेड/आक्सीजन सिलेंडर मय चिकित्सकों के तैनात रखे जाये। यह सुनिश्चित किया जाए कि इलाज के लिए आए किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। त्वरित एवं समुचित चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने हेतु सभी आवश्यक प्रबंध किए जायें। स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करे कि ब्लड बैंकों में सभी रक्त समूहों का पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध हो।
अस्थायी चलित शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये
महाशिवरात्रि के दौरान मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। कचरा उठाने और इसके निस्तारण के लिए पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाये। कचरा उठाने हेतु र्प्याप्त संख्या में कचरा गाड़ी उपलब्ध रखना सुनिश्चित किया जाये। श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी चलित शौचालयों की व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित किया जाये कि शौचालय साफ-सुथरे और उपयोग के लिए तैयार हों। महिला और पुरुष यात्रियों के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था की जाए। शौचालयों की नियमित सफाई और सैनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए। हर 02 घंटे में शौचालयों की सफाई की जाए। पेयजल के लिये पर्याप्त संख्या में पानी के टैंकर की व्यवस्था की जाए। काबड़ियों के स्नान हेतु पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
मेला स्थलों पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिये मार्गदर्शन साइनबोर्ड लगाये जायें
श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए मंदिरों एवं मेलों में मार्गदर्शन साइनबोर्ड लगाए जाएं। साइनबोर्ड पर मंदिर, पार्किंग, और आपातकालीन सेवाओं के स्थान स्पष्ट रूप से लिखे जायें। मंदिरों एवं मेलों में पर्याप्त संख्या में कचरा पात्र (डस्टबिन) लगाए जायें। यह सुनिश्चित किया जाए कि कचरा नियमित रूप से साफ किया जा रहा है। रात्रि के समय मंदिरों एवं मेलों में पर्याप्त और प्रभावी प्रकाश व्यवस्था (लाइटिंग) की जाए। प्रकाश व्यवस्था की नियमित निगरानी की जाए और किसी भी खराब लाइट को तुरंत ठीक किया जाए। वाहनों की पार्किंग के लिए उचित स्थान चिन्हित करें और पार्किंग क्षेत्र में सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करें। पार्किंग स्थलों पर संकेतक (साइनबोर्ड) लगाएं, जो आगंतुकों को पार्किंग क्षेत्र का स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान किये जायें। मेला समाप्ति के बाद व्यापक स्वच्छता अभियान चलाकर मेला स्थलों को पूरी तरह साफ किया जाये। मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों मे पर्याप्त संख्या में फायर ब्रिगेड और अग्निशमन यंत्रों की तैनाती सुनिश्चित करें। अग्नि सुरक्षा उपकरणों की कार्यक्षमता की पूर्व जांच की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी कर्मी अग्निशमन उपकरणों का उपयोग करने में प्रशिक्षित हों। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एक विशेष अग्निशमन टीम स्टैंडबाय पर रखी जाए।
आपात स्थिाति से निपटने के लिये आवश्यक उपकरण तैयार रखे जायें आपात स्थिति में उपयोग के लिए आवश्यक उपकरण, जैसे क्रेन, ट्रक, और अन्य भारी मशीनरी को तैयार रखा जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि यह उपकरण तुरंत उपयोग के लिए उपलब्ध रहें। मंदिरों, मेलों और मार्गों पर संकेतक (साइनबोर्ड) लगाए जायें, जो आगंतुकों को दिशा-निर्देश, पार्किंग क्षेत्र, और एंट्री/एग्जिट पॉइंट की जानकारी दी जाये। इन साइनबोर्ड की स्पष्टता और दृश्यता सुनिश्चित की जाये। श्रद्धालुओं को सूचित करने के लिए माइक और लाउडस्पीकर की व्यवस्था की जाए। अनाउंसमेंट सिस्टम का उपयोग कर यात्रियों को नियमित सूचनाएं और दिशा-निर्देश दिए जायें। यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए स्वच्छता और सुरक्षा संबंधी घोषणायें नियमित रूप से की जायें।
लायसेंसी शराब दुकानदारों की दुकानों का संचालन समय सीमा में हो जिले में अवैध शराब की बिक्री की सख्त रोकथाम के लिए नियमित जांच अभियान चलाया जाए। स्थानीय थानों और पुलिस विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विशेष टीमों का गठन किया जाये, जो संवेदनशील इलाकों में नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे। अवैध शराब की बिक्री या उत्पादन में लिप्त व्यक्तियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि लाइसेंसी दुकानदार की दुकानों का संचालन समय सीमा के भीतर हो। शराब पीकर वाहन चलाने वालों की पहचान के लिए पुलिस विभाग के साथ मिलकर विशेष चेकिंग पॉइंट्स बनाए जायें। चेकिंग के दौरान ब्रेथ एनालाइज़र और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जाये ताकि शराब के नशे में पाए जाने वाले व्यक्तियों पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। प्रमुख मार्गों, रेलवे स्टेशनों, और बस स्टैंड पर विशेष चेकिंग अभियान चलाएं ताकि अवैध शराब के परिवहन को रोका जा सके।
तालाब या नदी किनारों पर गोताखोरों सहित बचाव संसाधन तैनात रहे तालाब या नदी किनारों पर स्थित मंदिर एवं घाटों पर एसडीईआरएफ की टीमें गोताखोरों सहित मय बचाव संसाधनों के तैनात की जाये। एसडीआरएफ टीम को सभी आवश्यक उपकरणों जैसे लाइफ जैकेट, लाइफबॉय, रेस्क्यू बोट, प्राथमिक चिकित्सा किट आदि के साथ तैनात किया जाये। सुनिश्चित किया जाये कि सभी उपकरण कार्यशील अवस्था में हों और किसी आपात स्थिति में तुरंत उपयोग के लिए तैयार रहें। आपदा प्रबंधन विभाग के एक विशेष दल को 24X7 स्टैंडबाय पर रखा जाए, जो किसी भी आपात स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए सक्षम हो। यह दल सभी आवश्यक आपातकालीन उपकरणों और संसाधनों से सुसज्जित हो।
जिला सैनानी होमगार्ड व्यक्तिगत रूप से सभी कार्यों की निगरानी सुनिश्चित करेंगे। यह भी सुनिश्चित करें कि तैनात टीम नियमित रूप से रिपोर्ट प्रस्तुत करे और किसी भी समस्या या कमी की जानकारी तत्काल उच्च अधिकारियों को दी जाए। आकस्मिक स्थिति से उत्पन्न संभावनाओं को देखते हुए इमरजेंसी रिस्पोन्स प्लान तैयार रखना सुनिश्चित किया जाये। किसी भी संभावित आपात स्थिति के लिए पूर्वाभ्यास (ड्रिल) किया जाये। जल स्रोतों और संवेदनशील स्थलों पर चेतावनी बोर्ड और आवश्यक दिशा-निर्देश लगाए जाएं, जो आगंतुकों को संभावित खतरों और सुरक्षा उपायों के बारे में सूचित करेंगे। कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस अधीक्षक दमोह की मांग अनुसार होमगार्ड सैनिकों का बल रक्षित केन्द्र दमोह में मय नाम की सूची सहित उपलब्ध कराये।
लोक निर्माण विभाग पर्याप्त संख्या में बैरीकेड उपलब्ध कराये
मंदिरों, जुलूसों, मेलों तथा पार्किंग स्थलों पर बैरिकेडिंग/स्टॉपर के लिए पर्याप्त संख्या में बैरिकेड उपलब्ध कराएं। यह सुनिश्चित करें कि बैरिकेड/स्टॉपर सही स्थानों पर लगें और जनता को सुरक्षित मार्गदर्शन मिल सके। यह सुनिश्चित करें कि सभी कार्यों की निगरानी के लिए विभागीय टीम तैनात हो। यह टीम नियमित निरीक्षण करे और किसी भी कमी को तुरंत उच्च अधिकारियों को सूचित करे।
अविरल विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाये
जिले में अविरल बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। मंदिरों एवं मेलों में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए विद्युत विभाग की एक टीम स्थल पर तैनात रहे। तैनात टीम में नाम एवं मोबाईल नंबर मंदिर समिति एवं संबंधति थाना में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये। मंदिरों, जुलूसों, मेलों एवं पार्किंग स्थलों पर की गई अस्थायी विद्युत फिटिंग और वायरिंग की गहन जांच सुनिश्चित की जाये। यह सुनिश्चित किया जाये की सभी तार सुरक्षित रूप से ढके हों और किसी भी स्थान पर खुले तार या असुरक्षित वायरिंग न हो। विद्युत सुरक्षा जांच के बाद सुरक्षा प्रमाण-पत्र पुलिस अधीक्षक और संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी को प्रस्तुत किया जाये। मंदिरों, जुलूसों एवं मेलों में सभी प्रकार की विद्युत उपकरणों और तंत्रों की कार्यक्षमता की नियमित जांच की जाये। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की विद्युत आपात स्थिति के लिए संबंधित टीम को त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार रखा जाये। विद्युत सुरक्षा और व्यवस्था की निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाये।
सुरक्षा व्यवस्था (मेले में झूलों की तकनीकी जांच एवं प्रमाणन)
नगरीय क्षेत्र में नगर पालिका/नगर परिषद के उपयंत्री यह सुनिश्चित करेंगे कि मेलों में लगाए जाने वाले झूलों की नट-बोल्ट, संरचना, तथा विद्युत व्यवस्था की पूरी जांच की जाए। झूलों की संरचना मजबूत और सुरक्षित स्थिति में होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि झूले सभी मानकों के अनुरूप होने चाहिये। नगरीय क्षेत्र में नगर पालिका/नगर परिषद क्षेत्र में झूलों की जांच, संरचना की मजबूती, नट-बोल्ट की स्थिति, विद्युत व्यवस्था एवं अन्य तकनीकी मानकों की पुष्टि सुनिश्चित करने की संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित मुख्य नगर पालिका अधिकारी की होगी। मुख्य नगर पालिका अधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे और वे संबंधित उपयंत्री को निर्देशित कर यह कार्य सुनिश्चित कराएंगे। ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग एवं पंचायत के उपयंत्री यह सुनिश्चित करेंगे कि मेलों में लगाए जाने वाले झूलों की नट-बोल्ट, संरचना, तथा विद्युत व्यवस्था की पूरी जांच की जाए। झूलों की संरचना मजबूत और सुरक्षित स्थिति में होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि झूले सभी मानकों के अनुरूप हों।
मेला स्थलों पर झूलों की जाँच एवं प्रमाणन से संबंधित कार्यवाही अनुविभागीय दण्डाधिकारी को प्रस्तुत की जाये
ग्रामीण क्षेत्र में झूलों की जांच, संरचना की मजबूती, नट-बोल्ट की स्थिति, विद्युत व्यवस्था एवं अन्य तकनीकी मानकों की पुष्टि सुनिश्चित करने की संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत की होगी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे और वे संबंधित उपयंत्री को निर्देशित कर यह कार्य सुनिश्चित कराएंगे। झूलों का संचालन तभी किया जाएगा जब तकनीकी जांच पूरी होने के पश्चात संबंधित अधिकारी द्वारा उन्हें प्रमाणित किया जाएगा। तकनीकी जांच में नट-बोल्ट की मजबूती, संरचना की स्थिरता, विद्युत व्यवस्था की सुरक्षा एवं संचालन के सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। सभी अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि झूलों की जांच एवं प्रमाणन से संबंधित कार्यवाही की रिपोर्ट मेला प्रारंभ होने से पूर्व संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को प्रस्तुत की जाए।
निर्देशों का पालन समयबद्ध और व्यवस्थित रूप से हो
निर्देशित किया है सभी विभागाध्यक्ष सुनिश्चित करेंगे कि निर्देशों का पालन समयबद्ध और व्यवस्थित रूप से हो। किसी भी प्रकार की चूक की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी। संपूर्ण व्यवस्थाओं के नोडल अधिकारी संबंधित अनुभाग के अनुविभागीय दंडाधिकारी होगें जो समस्त विभागो से समन्वय स्थापित कर अपने अनुभाग के सभी मंदिरों/शिव मंदिरों/जुलूसों/मेलों में संपूर्ण व्यवस्थाएं कराना सुनिश्चित करेगें।
मेला स्थलों संबंधित अधिकारी व्यवस्थाओं का मुआयना करेंगे
महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्व संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सभी स्थानों (मंदिर/जुलूस/मेला) का भ्रमण कर व्यवस्थाओं एवं स्थिति का मुआयना करेगें तथा किसी भी कमी के परिलक्षित होने पर कमियों की पूर्ति की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगें।