कई आल्हा अधिकारियों से गुहार लगाने व सामाजिक संगठनों के सहयोग के बाद आखिरकार राजेश की मौत की एफआईआर दर्ज हुई

पत्रकार संजू चौहान
परिवार के काफी संघर्ष के बाद देपालपुर के आला अधिकारी के समक्ष साक्षियों ने अपने कथन रिकॉर्ड करवाए।
मृत्यु के पहले राजेश चौहान ने एक वीडियो बनाया था। जिसे देखकर यह कहना उचित होगा कि समय के पहले ही राजेश को किसी अनहोनी का अंदेशा था, कि उसके साथ कुछ ग़लत होने वाला है। जिसमें उसकी जान भी जा सकतीं हैं, और आखिरकार यही हुआ…. उसकी संदिग्ध मौत हो जाती है। साथ ही परिवार के सदस्यों ने अपने बयान में यह भी बताया कि घटना के कुछ समय पूर्व ही राजेश ने पत्नी साधना को फोन किया था। जिसकी कॉल रिकार्डिंग मौत की उलझी गुत्थी को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। ओडियो व विडियो अपराधियों के नाम को उजागर करता है। परिवारजन द्वारा रिकार्डिंग वाले मोबाइल को एसडीओपी साहब के सुपुर्द किया गया। दूसरी यह कहना भी पुर्णत: गलत नहीं होगा कि पुलिस प्रशासन पुर्व की त्रृटियो को सुधारने की कोशिश में है। महेश पुरी की पहली गिरफ्तारी जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसलिए के एसडीओपी साहब व उनकी टीम इस सराहनीय कार्य के साथ किया एवं उसके आशा है कि इसी तरह पुलिस प्रशासन अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरी निष्ठा से करते हैं हुए शेष आरोपियों को भी अतिशिघ्र गिरफ्तार करे, ताकि मृतक राजेश चौहान को न्याय जल्द न्याय मिल सके।