वार्डन को नहीं रहा होश छात्राओं को गंदगी खिलाने का दे रही धमकी ऑडियो वायरल अधिकारी साधे चुप्पी।

संवाद मोहम्मद सद्दीक
सिंगरौली- जिले में सर्व शिक्षा अभियान के तहत संचालित जिले के कस्तूरबा गांधी एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास में पूर्व में रह चुकी वार्डन नई भर्ती विज्ञापन जारी नहीं करने को लेकर डीपीसी से नाराज हो वार्डन का कार्यकाल आदेश सोशल मीडिया में गत दोनों वायरल किया गया था।
वायरल आदेश में खबर चलने के बाद वार्डनों ने अपना आपा खो चुकी हैं एक वार्डन इस कदर आपा खो बैठी कि छात्राओं को डंडे से सोट कर लैट्रिन खिलौने तक का धमकी दे डाली वायरल ऑडियो में स्पष्ट सुनाई पड़ रहा है कि जैसे कोई अशिक्षित महिला बोल रही हो, सही-सही नहीं बताओगी तो डंडे से सोट कर लैट्रिन खिलाऊंगी, डरती नहीं हूं मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता बावजूद जिम्मेदार जिला अधिकारी कार्यवाही हेतु इस कदर चुप्पी साधे हैं जैसे इन्हें सांप सूघ लिया हो।
छात्रावास में असंस्कारी भाषा का हो रहा प्रयोग
बताया जा रहा है वायरल ऑडियो जिले में मौजूद संस्कारों का घर कस्तूरबा गांधी छात्रावास चितरंगी का है जहां की वार्डन भाषा शैली संस्कारों का ऑडियो वायरल हो रहा है जबकि छात्रावास भवन के मुख्य द्वार में ही स्पष्ट शब्दों में लिखा है “संस्कारों का घर है हमारा विद्यालय” वायरल ऑडियो में आवाज राजनीतिक पकड़ वाली वार्डन का बताया जा रहा है हालांकि वायरल ऑडियो किसका है इसकी पुष्टि संस्था नही करता यह जांच के बाद पता चलेगा परंतु क्षेत्र के लोग अब खुलकर कहने लगे हैं कि वार्डन अपने राजनीतिक पकड़़ का नाजायज फायदा उठाते हुए छात्रवास में छात्राओं को डंके के चोट पर “डंडे से सोट कर लैट्रिन खिलाने की धमकी दे रही हैं” बाबजूद संबंधित जिम्मेदार जांच कार्यवाही को लेकर चुप्पी साधे हैं वायरल ऑडियो को सुन विभाग के लोग यह भी कहते हैं अगर कोई सामान्य व्यक्ति होता तो अब तक यही जिला धिकारी नौकरी छुड़ा घर बैठा दिये होते।
*डीपीसी कर रहा हजारों छात्राओं का भविष्य बर्बाद*
वहीं सहायक वार्डनों की बात माने तो डीपीसी द्वारा जिले में संचालित छात्रावासों में राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के नियमों को दरकिनार करते हुए सहायक वार्डनों का संपूर्ण दायित्व छीन वार्डेनों के जरिए हर छात्रावासों में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया जा रहा है भ्रष्टाचार इस कदर किया जा रहा है कि छात्रावासों में पदस्थ वार्डनों का कार्यकाल दिसंबर 2024 में समाप्त हो जाने के बाद भी परिवर्तन हेतु विज्ञापन जारी नहीं किया गया, जिला भर में संचालित छात्रावासों का मुख्य भ्रष्टाचारी “डीपीसी राम लखन शुक्ला” जिला परियोजना समन्वयक को सरकार का जरा भी डर नहीं है जबकि पूर्व में दो बार शुक्ला को नियम के विपरीत कार्य छात्रावासों में व्यापक भ्रष्टाचार करने के प्रतिवेदन आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल द्वारा डीपीसी पद से पृथक करते हुए शुक्ला के मूल पद पुरैल भेज दिया गया था परंतु शुक्ला चार वर्ष कार्यकाल का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय को गुमराह कर स्थगन जारी करा जिले के कुर्सी में छिपकली की तरह चिपक कर जिले भर के हजारों छात्राओं को उच्च शिक्षा सुविधा से दोनों से वंचित कर भविष्य बर्बाद कर रहा है..शेष अगले अंक में।