पंचकल्याणक महोत्सव का समापन, मोक्ष कल्याणक और रथ परिक्रमा हुई

रिपोर्ट वीरेंद्र विश्वकर्मा
पठारी। मुनि श्री 108 विमल सागर जी, अनंत सागर जी, धर्म सागर जी, भावसागर जी एवं मुनि श्री 108 निर्दोष सागर जी, मुनि श्री निर्लोभ सागर जी, निरुपम सागर जी के सानिध्य में एवं ब्रह्मचारी विनय भैयाजी के निर्देशन में चश्मा ग्राउंड में पंचकल्याणक महामहोत्सव के समापन पर मोक्षकल्याणक की मांगलिक क्रियाएं संपन्न हुई। सुबह से मोक्ष कल्याणक पूजन शांतिहवन हुआ। भगवान आदिनाथ को निर्वाण प्राप्ति (मोक्षगमन) अग्नि कुमार देवो का आगमन, नख केश विसर्जन, सिद्ध गुणारोपण विधि, सिद्ध पूजन, मोक्ष कल्याणक पूजन, विश्व शांति महायज्ञ हुआ। दोपहर को रथ परिक्रमा संपन्न हुई। जिसमें हाथी, रजत रथ चल रहा था लोग नृत्य करते हुए चल रहे थे। राजस्थान के बैंड की शानदार प्रस्तुति रही तो सिलवानी, गंजबासौदा, मड़ावरा के सेवा दल ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। सभी श्रीजी का विहार एवं जैन मंदिर में नवीन वेदी पर प्रतिमा विराजमान की गई। कार्यक्रम के अंतिम दिन बाहर से काफी संख्या में लोग शामिल हुए और धर्म लाभ लिया।