ग्राम पंचायत वायल एक बार फिर पंचों ने दिखाई एकजुटता भागीराम भाबर सरपंच पद पर नियुक्त

रिपोर्टर : दिलीप कुमरावत
मनावर। समीपस्थ ग्राम पंचायत वायल में पंचो की एकता से गत दिनों सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ था। एक बार फिर ग्राम पंचायत के पंचों की एकजुटता से 17 फरवरी सोमवार को नवीन सरपंच के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा निर्वाचन अधिकारी तहसीलदार कुणाल अवास्या द्वारा की गई।
निर्वाचन 10 पंचों की सहमति से ग्राम पंचायत वायल के निर्वाचित पंच भागीराम भाबर को सरपंच पद पर नियुक्त किया गया।
ग्राम पंचायत में कुल 12 पंच है जिसमें से एक पंच फौत हो गया और एक पंच अनुपस्थित रहा।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत सचिव रामसिंह बघेल, मोबाइराजर संदीप पाटीदार, ग्राम पंचायत के पंच सोनाबाई राजाराम, रामलाल चमेला, दिनेश पटेल, राधाबाई शांतिलाल, गोमतीबाई डोगर सिंह, भगीराम भाबर, सकूबाई भगीराम, मालसिंह, दगडिया, मलूबाई, बुदीबाई नराण उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत वायल के सरपंच गजानंद मुवेल के खिलाफ गत दिनों अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ था। पंचों द्वारा सरपंच पर पंचायत कार्य में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। जिसकी जांच चल रही है। पूर्व सरपंच की कार्य प्रणाली को लेकर ग्राम पंचायत के पंचों में भारी असंतोष था। नवनिर्वाचित सरपंच भागीराम भाबर को उपस्थित पंचों, स्नेहीजनों द्वारा पुष्पमाला पहनाकर बधाई दी गई।
बताया जाता है कि ग्राम पंचायत वायल में पूर्व सरपंच गजानंद मुवेल के खिलाफ भ्रष्टाचार और शासन की योजनाओं के लाभ ग्रामवासियों तक नहीं पहुंचाने के गंभीर आरोपों के चलते एकमत होकर पंचगणों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव गत दिनों लाया गया है। ग्राम पंचायत वायल के 11 पंचों ने गुप्त मतदान कर सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव किया था।
पंचों के प्रस्ताव पर राजस्व विभाग द्वारा मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 21 के तहत कार्रवाई करते हुए तहसीलदार कुणाल अवास्या को पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर ग्राम पंचायत वायल में दिनांक 4 फरवरी को विशेष सम्मेलन आहुत कर विधिवत रूप से अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया पूर्ण कर कार्रवाई की रिपोर्ट राजस्व विभाग को प्रस्तुत की गई थी।
ग्राम पंचायत वायल के पंचगणों का आरोप है कि पूर्व सरपंच ने विकास कार्यों में भारी भ्रष्टाचार किया और ग्रामवासियों को शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी व उनका लाभ प्रदान करने में गंभीर लापरवाही की गई है इसलिए सभी पंचों ने गुप्त मतदान कर सरपंच के खिलाफ मत दिया था।
बताया जाता है कि ग्राम पंचायत वायल के पूर्व सरपंच गजानंद मुवेल द्वारा तत्कालीन इंजीनियर कमलेश सावला व जनपद पंचायत के कुछ अधिकारियों को साथ लेकर गौशाला निर्माण कार्य मे फर्जी बिल लगाकर लाखो रुपयों का भ्रष्टाचार किया गया। गौशाला शाला निर्माण कार्य मे पूर्व सरपंच ने सचिव के हस्ताक्षर कराए बिना लाखो रुपये की राशि का आहरण किया। फर्जी बिलो की राशि आहरण में सरपंच, इंजीनियर व जनपद पंचायत के अधिकारियों के हस्ताक्षर है जो कि नियम अनुसार सचिव के भी हस्ताक्षर होना अनिवार्य है मगर ऐसा सरपंच द्वारा नही करते हुए लाखो रुपयों की बंदरबांट की गई। जो कि सर्वथा अनुचित है। पूर्व सरपंच के साथ बंदरबांट करने वाले इंजीनियर व जनपद पंचायत के अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाना चाहिए। ताकि कोई भी निर्वाचित सरपंच ग्रामवासियों के आवश्यक कार्यों, निर्वाचित पंचों के लोक कल्याणकारी कार्यों की अवहेलना करने से परहेज करे।
ग्राम पंचायत वायल जिले में पहली पंचायत है जहां निर्वाचित सरपंच को पंचों की सजगता, जागरूकता और एकजुटता के कारण पद गवाना पड़ा।