100 वी ध्वजा के त्रिदिवसीय आयोजन के दूसरे दिन निकली भगवान की भव्य शोभायात्रा

रिपोर्टर विशाल बागमार
खरगोन करही । स्थानीय श्वेताम्बर जैन समाज के जिन मंदिर में 100 वी ध्वजा का त्रिदिवसीय आयोजन के दूसरे दिन मंगलवार को सुबह मंदिर जी मे स्नात्र पूजा का आयोजन हुआ इसके बाद 9 बजे स्थानक भवन में प्रवचन हुए । यहां विराजित आयम्बिल तप आराधिका पूज्य श्री चारित्र कलाश्री जी महाराज साहब, पूज्य श्रीआर्जव कलाश्री जी महाराज साहब, पूज्य श्री देशना निधि जी महाराज साहब, पूज्य श्री क्रिया निधि जी महाराज साहब आदि ठाणा 4 ने प्रवचन में बताया कि करही के श्रावक श्राविका बहुत भाग्यशाली है जो इतनी आलौकिक प्रतिमा जिन मंदिर में विराजमान है कि यदि कोई रोजाना प्रभु के मात्र दर्शन भी कर ले तो उसका भव भी सुधर जाएगा । जिनमंदिर जाकर व्यक्ति द्रव्य के माध्यम से भाव से जुड़ता है क्योंकि संसार मे रहकर सदैव प्रभु का ध्यान नही कर सकता है इसलिए मंदिर में जाकर द्रव्य के साथ भाव पूजा करता है तो ईश्वर की आराधना में डूब जाता है और मोक्ष प्राप्त करता है । प्रवचन के पश्चात 9.45 को जैन मंदिर से भगवान की शोभायात्रा निकाली गई जो नगर के प्रमुख मार्गों से होकर नेहरू मार्केट पहुँची तथा पुनः मंदिर जी मे आकर यात्रा का समापन हुआ । शोभायात्रा जे दौरान नगर में जगह जगह जैन व अजैन बन्धुओ ने भगवान की गवली का पूजन किया । शोभायात्रा में मन मधुकर ग्रुप नागदा के द्वारा विशेष भक्ति संगीत का आयोजन किया गया । । पूरी शोभायात्रा में श्रद्धालु भगवान की भक्ति में नाचते झूमते रहे । इसके बाद दोपहर को मंदिर जी मे भक्ताम्बर की विशेष पूजा का आयोजन किया गया जिसमें 48 जोड़ो सहित अन्य श्रद्धालुओ ने विधि विधान से पूजन किया । विधिकारक हितेश जी बड़ौदा ने भक्ताम्बर महापूजन की सम्पूर्ण विधि सम्पन्न करवाई । इसके पश्चात शाम को 7.30 को मंदिर में भगवान की आरती की गई तत्पश्चात बसंत जिनिंग परिसर में भक्ति संगीत की प्रस्तुति हितेश जैन बड़ौदा की टीम ने दी ।बहुत ही मनमोहक व आनंद पूर्ण माहौल में दादा आदिनाथ की भक्ति का आनंद लेते रहे व झूमते रहे । देर रात तक श्रद्धालु दादा के भजन का आनंद उठाते रहे । त्रिदिवसीय आयोजन के तीसरे दिन बुधवार को सुबह 10 बजे मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण फहराई जाएगी जिसके पश्चात जैन मंदिर तीर्थ क्षेत्र की श्रेणी में आ जायेगा ।