श्री रावल और श्री मोये परिवारो ने बौद्ध पद्धति से सगाई रस्म सम्पन्न की

रिपोर्ट प्रेम कुण्डले
बड़वाह / बड़वाह के अम्बेडकरवादी तथा बौद्धिक विचारक परिवार के चि.चंद्रकांत रावल मा.शिक्षक-पुष्पेंद्र रावल शा.शिक्षक व बेड़ीयां की सौ.कां. निशा मोये सीएचओ. शा.सेवक – तिलोकचंद मोये व्यवसायी ने अपनी वैवाहिक सगाई रस्म मे बौद्धिक पद्धति को आत्मसात किया। सर्वप्रथम वधुपक्ष ने वर पक्ष के अतिथियों के आगमन पर बैंडबाजे पुष्पहारों से भव्य हर्षित संगीतमय अभिवादन किया । तत्पश्चात श्रीभंते वरिष्ठ समाज सेवी शिक्षक- रामेश्वर पंचोली ने बुद्ध वंदना करके भावार्थ समझाया। इस समारोह मे संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब व तथागत बुद्ध भगवान के छाया चित्रो पर दोनो पक्ष गण व रिश्तेदारो ने पुष्प माल्यार्पण वंदन नमन करके समारोह का शुभारंभ किया । इस विशिष्ट बंधन के प्रमुख सुत्रधार सामाजिक वकील मा. कमल भालसे ने समाज जनो को इस पद्धति को अपनाने का संकल्प दिलाया। बड़वानी बलाई समाज जिलाअध्यक्ष-संतोष मकासरे ने कहा कि समाज मे कुरीतियां दूर कर अम्बेडकर वाद को आत्मसात करने मे ही समाज का भला है। समाज सेवी राधेश्याम मंसारे ने कहा कुप्रथाओं को व खर्चीले रीति- रिवाजो को नष्ट करके सरल. सादगी. प्रेरणीय बौद्ध पद्धति को आत्मसात करे। दिल्ली बलाई समाज अध्यक्ष- घीसालाल चौहान ने शिक्षा संगठन व संघर्ष से संविधान की संरचना पर भी विचार प्रस्तुत समाज के हितार्थ पर विचार रखे। मनावर बलाई समाज जिलाध्यक्ष मा.जगदीश नगराज ने कहा पाखंडवाद तथा आडम्बर मुक्त होकर वैज्ञानिक पद्धति अम्बेडकर वाद से ही समाज विकसित होगा. समस्त
मेहमानों ने बौद्ध पद्धति को बेहद सराहा व गौरव महसूस किया। विशेष अतिथिगण शिक्षक सोम्मार डोंगरे. किशोर कोचले. महेन्द्र रावल. प्रमोद मकासरे. पधारकर मेहमानों को हार्दिक शुभ कामनाएं दी। समारोह समापन पर डा. राजा मोये ने पधारे अतिथि गणो का हार्दिक आभार व्यक्त किया।