शिव – उमा के विवाह का पर्व महाशिवरात्रि

रिपोर्टर सुवीर कुमार त्रिपाठी
देवो के देव महादेव का फाल्गुन माह की कृष्ण पझय की चतुर्दशी को हिमालय पर्वत की पुत्री उमा का विवाह हुआ था । उसी की स्मृति में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है । इस वर्ष महाशिवरात्रि का उपवास 26 फरवरी को किया जाएगा उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध आचार्य प0 राम बाबू द्विवेदी महाशिवरात्रि पर्व की महत्ता बताते हुए कहते हैं यह पर्व भोलेनाथ व माता उमा के मिलन का पर्व है । ।जो भी भक्त ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्न्नान आदि करके इस दिन शिवलिंग की धूप ,दीप ,बेल पत्र ,नैवेद्य ,अछत ,मिस्ठान ,दूध,दही ,गन्ने का रस ,शहहद ,आदि चढ़ाकर शिव जी की स्तुति करता है । भोलेनाथ उसको मनवांछित फल प्रदान करते हैं । कल महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर औरेया जनपद के देवकली , बुदादाना , बीहड़ के कालेश्वर व भारेशर महाराज मुरादगंज ,कस्बा जाना ,हैदरपुर बिरुहनी , निगड़ा सहित कई स्थानों पर शिव मंदिरों पर सुवह से ही जलाभिषेक होगा ।