नए अंदाज में शिकायत करने पहुंचे संजीत सिंह बघेल

रिपोर्टर प्रांशु बघेल
सिवनी बस स्टैंड से कार्यालय जिला कलेक्टर सिवनी तक किया पैदल मार्च
भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न करने का लगाए गंभीर आरोप
सिवनी। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सीना चौड़ा कर मंचों से नारा दे रहे हैं कि जिसने लूटा है उसे लौटाना पड़ेगा ! किंतु नारो का मध्य प्रदेश की मोहन सरकार पर कोई खास असर होता दिख नहीं रहा है ?
उसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में देखने को मिल रहा है, जहां पर हिन्द शिला के संपादक संजीत सिंह बघेल द्वारा भ्रष्टाचार से संबंधित अलग अलग विभाग की दर्जन भर शिकायत दर्ज करवाई गई है, किंतु उन पर जिम्मेदार शासकीय नुमाइंदों द्वारा करवाई तो बहुत दूर की बात है जांच तक नहीं कराई जा रही !
जिसके कारण आज वह समस्त शिकायतों का पुलिंदा अपने बदन पर लटका कर जनसुनवाई के दौरान सिवनी जिला कलेक्टर के समक्ष उनका ध्यान आकर्षण करने के लिए उपस्थित हुए । आपको बता दें कि उनके द्वारा सिवनी बस स्टैंड से कार्यालय जिला कलेक्टर सिवनी तक पैदल मार्च भी निकाल गया और लोगों से भ्रष्टाचार के खिलाफ इस जंग में सहयोग की अपील की गई ।
यह शिक़ायत है दर्ज
नगर परिषद केवलारी जिला सिवनी में व्याप्त भ्रष्टाचार जिसमे 08 करोड़ रुपयों से अधिक के संदिग्ध भुगतान, सिवनी जिले की विधान सभा केवलारी एवं बरघाट में विधायक निधि से स्मार्ट क्लास के नाम पर 70 शासकीय विद्यालयों में डेढ़ करोड़ रुपए से भी अधिक के भ्रष्टाचार, जनपद पंचायत केवलारी में 1करोड़ 15 लाख तो जनपद पंचायत लखनादौन में एक करोड़ 10 लाख रुपयों के अधिक के संदिग्ध भुगतान, अवैध कॉलोनी इत्यादि अनेक लिखित शिक़ायत दर्ज करवाई जा रही है पर सभी के सभी में कार्यवाही तो बहुत दूर की बात है उन सभी में आज दिनांक तक जांच तक नहीं हुई
जिम्मेदार अधिकारी नहीं निभा रहे हैं जिम्मेदारी, शासकीय सिस्टम पर भारी नजर आ रहे नगर परिषद केवलारी के भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी
मध्य प्रदेश के सिवनी जिला अंतर्गत आने वाली बहुचर्चित नगर परिषद केवलारी का है जहां पर निर्वाचित 8 पार्षदों के समर्थन के साथ हिन्द शिला के संपादक संजीत सिंह बघेल द्वारा 8 करोड रुपए से भी अधिक के संदिग्ध भुगतान की प्रदेश के मुख्यमंत्री, शासन के मुख्य सचिव समेत 9 अन्य जिम्मेदार अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के समक्ष लिखित शिकायत प्रस्तुत किए हुए तीन माह से अधिक बीत गया है किन्तु जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की तो बहुत दूर की बात है जांच तक नहीं कराई जा रही हैं! जिससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं और वह बेखौफ होकर धड़ल्ले से आज भी भ्रष्टाचार को अंजाम देने में जरा संकोच नहीं कर रहे हैं, और उन्हें रोकने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है।
केवलारी एवं बरघाट विधानसभा में हुआ स्मार्ट क्लास घोटाला
मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार शासकीय सिस्टम पर इस कदर हावी है कि शिक्षा के मंदिर भी अछूते नहीं रहे, इसका ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश के अंतर्गत सिवनी जिले की दो विधानसभा केवलारी एवं बरघाट में देखने को मिल रहा है, जहां पर 70 शासकीय विद्यालयों में विधायक निधि से स्वीकृत स्मार्ट क्लास के नाम पर बड़े पैमाने में भ्रष्टाचार कर संबंधित 70 शासकीय विद्यालयों प्राचार्य एवं छिंदवाड़ा निवासी आदि कंप्यूटर के संचालक आशीष जैन के द्वारा लगभग एक करोड़ 57 लाख रुपयों से भी अधिक की खुली लूट की गई है ।
जनपद पंचायत लखनादौन पर लगे एक करोड रुपए से भी अधिक के भ्रष्टाचार के आरोप
आपको बता दें कि कार्यालय जनपद पंचायत लखनादौन में पदस्थ शासकीय सेवक संजय तिवारी के नाम से 15 लाख 44 हजार 55 रुपए न्यायालीन व्यय के नाम से शासकीय राशि का आहरण किया गया है, एवं आशुतोष दुबे के नाम से 14 लाख, 44 हजार,6 सो रुपयों के राज मिस्रियों के प्रशिक्षण के नाम से आहरण किया गया है ।
निविदा एवं टेंडर प्रक्रिया का पालन किए बगैर मध्य प्रदेश के रायसेन जिला स्थित जय अंबे एसोसिएट से हाई मास्क के नाम पर 8 लाख, 49 हजार 7 सो 25 रुपयों का भुगतान किया गया है, जिसमें मध्य प्रदेश में लागू पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम का सामग्री तथा माल क्रय नियम 1999 में उल्लेखित नियम तीन के उप नियम 2, 3, 7, 8 एवं नियम 9 के उप नियम की कंडिका ख एवं ग का अनेकों बार उल्लंघन कर अलग-अलग समय में अलग-अलग नाम से राशि का आहरण कर 1,10,21,277/ रुपयों का संदिग्ध भुगतान कर शासकीय राशि का आपस में बंदरबाट किया गया है ।
जनपद पंचायत केवलारी में हुआ 1,15,80,824/ रुपयों का संदिग्ध भुगतान !
आपको बता दें कि कार्यालय जनपद पंचायत केवलारी में पदस्थ सहायक लेखापाल अधिकारी सौरभ कुशरे एवं तत्कालीन मुख्यकार्य पालन अधिकारी की मिलीभगत से 1,15,80,824/ रुपयों का संदिग्ध भुगतान किया गया है । कार्यालय जनपद पंचायत केवलारी में पदस्थ सहायक लेखापाल अधिकारी सौरभ कुशरे के नाम से उनके निज खाते में कार्यालयीन व्यय एवं अन्य व्यय बताकर 14,66,127/ रुपयों की शासकीय राशि का आहरण किया गया है ! इसके अलावा षडयंत्र पूर्वक अनेक फर्जी निजी संस्थानो का कागजों में निर्माण कर उनके नाम से अनेकों बार फर्जी बिल लगाकर शासकीय राशि का भुगतान किया गया है।