नए कानून पर विरोध का सुर शुरू* *जगह जगह प्रदर्शन देखने को मिल रहे हे

रिपोर्ट अंकित मालवीय*
दबंग केसरी सोनकच्छ।
भौरासा नगर में व आसपास के क्षेत्रों में काफी विरोध देखने को मिल रहा हे जहा ड्राइवर अपने लिए लाए नए कानून को वापिस लेने के विरोध में सड़कों पर उतर आए हे वही प्रशासन द्वारा हल्का बल पूर्वक विरोध और परदर्शनकर्मियो तीतर पितर करने में लगा हुआ है नगर भौरासा के भी ड्राइवरो ने भी दोपहर को देवास भोपाल मार्ग पर पदर्शन करने लगे थे पर पुलिस प्रशासन ने समय पर अपना मोर्चा संभाल लिया था इस प्रदर्शन से यात्री,नोकरी,ऑफिस वाले काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा सही समय पर अपने गंतव्य की ओर नही जा पा रहे हे कहियो को ठंडे मौसम में अपने स्वयं को बाइक से जाना पड़ा कोई किसी से लिफ्ट लेकर जाने को लगे। प्रदर्शनी ड्राइवरों ने बड़े वहानो के चालकों को समझाइश देकर आगे की ओर जाने दिया जा रहा। इस प्रदर्शन पर और जानना चाहा तो ड्राइवरों का तर्क है कि टक्कर के बाद अगर वे भागते हैं तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा मिलेगा और अगर वे रुकते हैं तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है
क्या है नया हिट एंड रन कानून राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता 2023 अब कानून बन चुका है. आने वाले समय में इसके नए प्रावधान इंडियन पीनल कोड के पुराने कानूनों की जगह ले लेंगे. लेकिन इसके एक प्रावधान को लेकर अभी से विरोध शुरू हो गया है. इस विरोध का कारण है हिट एंड रन का नया कानून. नया कानून कहता है कि अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और गाड़ी चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है. साथ ही भारी जुर्माना भी भरना पड़ेगा.
कई राज्यों में ट्रक चालक इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं. कुछ जगहों से चक्काजाम, अराजकता और पुलिस की ओर से हल्के बल प्रयोग की भी खबरें आई हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि हिट एंड रन को लेकर नया कानून क्या कहता है, पुराना कानून क्या था, इसे लेकर विरोध क्यों हो रहा है और ट्रक ड्राइवरों का यह विरोध कितना जायज़ है.
क्या होता है ‘हिट एंड रन’?
ऐसे मामले जिनमें गाड़ी की टक्कर के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो जाता है, उन मामलों को ‘हिट एंड रन’ केस माना जाता है. हिट एंड रन के मामलों में कई बार घायल शख्स को अगर समय रहते अस्पताल पहुंचाने या प्राथमिक इलाज मिलने पर बचाया भी जा सकता है. पुराने कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में दो साल की सजा का प्रावधान था और जमानत भी मिल जाती थी
क्या कहता है नया नियम?
नया नियम कहता है कि अगर सड़क दुर्घटना के बाद गाड़ी चालक पुलिस को टक्कर की सूचना दिए बिना मौके से फरार होता है तो उसे 10 साल की जेल और भरी भरकम जुर्माना देना पड़ेगा. कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर इसका विरोध कर रहे हैं. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल और चक्काजाम कर दिया है. न सिर्फ ट्रक ड्राइवर बल्कि बस, टैक्सी और ऑटो चालक भी इसका विरोध कर रहे हैं. नए नियम निजी वाहन चालकों पर भी समान रूप से लागू होंगे. उनका कहना है कि नए कानून के प्रावधान कुछ ज्यादा ही सख्त हैं. इन्हें नरम किया जाए.
क्यों सख्त किया गया कानून?
आंकड़ों पर नजर डालें तो नए कानून की सख्ती का कारण समझ आता है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हिट एंड रन के मामलों में हर साल 50 हजार लोग जान गंवाते हैं. विरोध करने वाले ड्राइवरों का तर्क है कि टक्कर के बाद अगर वे भागते हैं तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा मिलेगा और अगर वे रुकते हैं तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है. अक्सर सड़क दुर्घटना के मामले में मौके पर मौजूद भीड़ उग्र हो जाती है और गाड़ी चालक पर हमला कर देती है. कई बार यह हिंसक भीड़ सिर्फ पिटाई तक नहीं रुकती और मामला मॉब लिंचिंग का रूप ले लेता है
इन मामलों में मिलेगी राहत
हालांकि नए कानून में ड्राइवरों को कुछ मामलों में राहत भी मिलेगी. अगर गाड़ी से टकराने वाला शख्स गलत तरीके से सड़क को पार करता है या गाड़ी के सामने आ जाता है तो ड्राइवर को अधिकतम पांच साल की सजा और जुर्माना भरना पड़ेगा. लेकिन अगर टक्कर गलत ढंग से गाड़ी चलाने की वजह से होती है तो ड्राइवर को 10 साल जेल की सजा काटनी होगी.
इतने पैसे होते तो ड्राइवर की नोकरी नही करते?
इस विषय पर ड्राइवरों से बात की गई तो उनका कहेना है की नए कानून के मुताबिक जो सरकार ने जुर्माना राशि घोषित की है अगर इतनी राशि हम ड्राइवर वर्ग के पास होती तो हम परिवार छोड़ कर नोकरी न करते हुए घर रहेकर ही कोई छोटा व्यापार कर परिवार व बच्चो से दूर न होकर उनके पास ही रहते लंबी दूरी पर एक ड्राइवर कम से कम 15 दिन अपने परिवार से दूर रहेकर उनका लालन पोषण करता हे किसी किसी परिवार में तो सिर्फ ड्राइवर ही कमाने वाला होता हे और इस नए कानून से तो उसका घर तक बेचने की नौबत आ जायेगी
में स्लाखो के पीछे तो घर पर कोन होगा?
दूसरा यहां है की भारी भरकम जुर्माने के साथ साथ सालो जेल की सलाखों में काटना होगी इस पर भी बात परिवार पर आती हे अगर ड्राइवर से दुर्घटना होने के बाद सालो जेल में रहेगा तो परिवार को पालने वाला कोन होगा क्या पत्नी बच्चो सहित मजदूरी करने जायेगी क्या
हम सरकार की नियति को अच्छा समझ रहे हे की सरकार दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाना चाहती है और हर ड्राइवर किसी जीव की दुर्घटना न हो उसे बचाने की पूरी कोशिश करता है पर इस नए कानून से क्या साबित करना चाहती है इस नए कानून से दुर्घटना होना बंद हो जाएगी।
हमारी सिर्फ थी मांग हे की नए कानून को वापिस लेकर खत्म किया जाए ।इस अवसर पर मनोज माली, कृष्णा माली, नितिन चौधरी, रजत माली,अशोक लोधी, माखन लोधी, चरण सिंह लोधी, अर्जुन जोशी, मुकेश पटेल, शानू भाई, शुभम माली, दीपक माली, शेर सिंह दरबार, बालाजी, दीपक जोशी, मनोज लोधी, पवन गोस्वामी, सहित अन्य ड्राइवरो ने भौरासा फाटे पर पहुंचकर अपना विरोध दर्ज किया।