महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में उमड़ा श्रद्धालुओं का जन सैलाब

रिपोर्टर शिवम सेन
ओंकारेश्वर। महाशिवरात्रि हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार है. पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी. महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए महाशिवरात्रि को बहुत खास माना गया है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की मूर्ति या शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराकर लोटे से जल चढ़ाया जाता है. फिर चंदन का तिलक लगाकर, बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र चढ़ाना चाहिए. किसी भी विशेष पूजा पर भगवान के आगे कुछ दक्षिणा जरूर चढ़ाना चाहिए. शिवरात्रि के दिन सुबह से लेकर पूरी रात तक दीपक जलाने से शिव और पार्वती की कृपा प्रप्त होती है. माना जाता है कि इस दिन पुजा-पाठ करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है साथ ही, अविवाहितों को मनपसंद जीवनसाथी मिलता है
महाशिवरात्रि के त्योहार पर श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं. इस दिन शिवालय जाकर शिवलिंग पर गंगाजल और गाय का दूध अर्पित करने से कल्याण होता है. कई स्थानों पर इस दिन शिव पर ध्यान और शिव मंदिरों में पूरी रात जागरण भी किया जाता है
जिसमें शासन प्रशासन का भी सराहनीय कार्य योगदान रहा