2 दिव्यांग बच्चों को छोड़कर भागे दादी-पिताः टेंपो में आए, नाना के घर के पास कच्ची सड़क पर छोड़ा; 20 मिनट तक रोते रहे

रिपोर्टर शाहरुख मेवी
पाली में बुधवार सुबह नीले रंग के टेंपो में आए दादी और पिता ने अपने ही 2 दिव्यांग बच्चों को उनके नाना के घर के पास कच्ची सड़क पर छोड़ दिया। करीब 15-20 मिनट तक बच्चों की चीखें गूंजती रहीं। आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने तुरंत बच्चों को सोजत रोड़ सीएचसी में भर्ती कराया। जब नाना को घटना का पता चला तो उन्होंने अपने नन्हे बच्चों को पहचान लिया। पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया है। यह घटना सोजत थाना क्षेत्र के सवराड़ से रिसाणिया गांव की ओर जाने वाले कच्चे मार्ग की है।
1. सुबह 7 बजे टेंपो में आए 3 लोग, बच्चों को छोड़कर भागे
स्थानीय निवासी महेंद्र प्रजापत ने बताया- सुबह 7 बजे एक नीले रंग का टेंपो मौके पर आया। जिसमें से 2 पुरुष और एक महिला नीचे उत मौके पर छोड़ कर चले गए।। उन्होंने दोनों दिव्यांग बच्चों को कच्चे रास्ते पर छोड़ दिया। साथ ही बच्चों के पास एक नीले रंग का बैग भी फेक दिया। बच्चों की रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी पुलिस को दी।
2. परिजन मिले, कार्रवाई में जुटी पुलिस
सोजत रोड थानाधिकारी जबरसिंह राजपुरोहित ने बताया कि बच्चों के परिजन – दादी, पिता और नाना मिल गए हैं। जांच में सामने आया कि बच्चों की मां कोटा में रहती है। कुछ दिन पहले ही वह बच्चों को पिता के पास छोड़कर गई थी।
पति-पत्नी किसी कारण से अलग रह रहे हैं। अब दादी और पिता ने बच्चों को उनके नाना के घर के पास छोड़ दिया।
पुलिस ने सभी परिजनों को थाने बुलाया है। बच्चों को बाल कल्याण समिति पाली के सामने पेश किया जाएगा। समिति के आदेश के बाद ही बच्चों की कस्टडी तय होगी। पुलिस पारिवारिक विवाद और बच्चों की उपेक्षा के मामले की गहराई से जांच कर रही है।
3. बच्चों की स्थिति गंभीर
डॉ मनोहर सीरवी ने बताया- दोनों मासूम बच्चों की हालत दयनीय है। दोनों के हाथ-पैर में पैरालाइज है और आंखों की
रोशनी भी नहीं है। 3 साल की नन्ही बच्ची बीमार है, जबकि 2 साल का छोटा बच्चा बेहतर स्थिति में है। फिलहाल दोनों
बच्चे अस्पताल में सुरक्षित हैं और डॉक्टरों की देखरेख में इलाज जारी है।