रीवा में वर्षों से गरीबों के निवाले पर डाका, प्रशासन की अनदेखी से आक्रोशित ग्रामीणों ने किया एसडीएम कार्यालय का घेराव

रिपोर्ट विजय तिवारी
रीवा जिले के त्योंथर , तुर्कागोंदर ग्राम पंचायत में वर्षों से गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है। गरीबों के राशन वितरण में भारी गड़बड़ी के चलते ग्रामीणों का आक्रोश आखिरकार फूट पड़ा। प्रशासनिक अधिकारियों से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं होने पर सैकड़ों ग्रामीणों ने त्यौंथर एसडीएम कार्यालय का घेराव कर अनशन शुरू कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
तुर्कागोंदर ग्राम पंचायत के हितग्राहियों का आरोप है कि जय हनुमान स्व सहायता समूह के माध्यम से संचालित राशन वितरण केंद्र पर कई वर्षों से भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। सेल्समैन द्वारा गरीबों के राशन में कटौती की जा रही है। पात्र हितग्राहियों को पूरा राशन नहीं दिया जाता, वहीं कई लोगों के नाम पर फर्जी राशन कार्ड बनाकर राशन हड़पने की शिकायतें सामने आई हैं।
शिकायत के बावजूद प्रशासन मौन
ग्रामीणों ने इस घोटाले की शिकायत कई बार जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से की, लेकिन हर बार शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया। अधिकारियों की लापरवाही के चलते ग्रामीणों को राशन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
एसडीएम कार्यालय का घेराव, अनशन पर बैठे ग्रामीण
प्रशासन की अनदेखी से नाराज होकर तुर्कागोंदर ग्राम पंचायत के सैकड़ों हितग्राही मंगलवार को त्यौंथर एसडीएम कार्यालय पहुंच गए। ग्रामीणों ने कार्यालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने जय हनुमान स्व सहायता समूह और राशन सेल्समैन के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की मांग की।
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि –
हमें महीनों से पूरा राशन नहीं मिल रहा है। सेल्समैन हमें आधा राशन देकर शेष राशन की कालाबाजारी करता है। जब हम शिकायत करते हैं, तो हमें धमकाया जाता है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि –
1. जय हनुमान स्व सहायता समूह का लाइसेंस रद्द किया जाए।
2. राशन वितरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
3. पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा जाए।
*अनशन पर अड़े ग्रामीण
ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि जब तक दोषियों पर सख्त कार्यवाही नहीं होती, तब तक वे अनशन से नहीं हटेंगे।
प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी लगते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।