नशा मुक्ति केंद्र पर क्रूरतापूर्वक संदिग्ध मौत पर परिजनों का आरोप: मीरजापुर की घटनाओं ने खोला व्यवस्था का काला सच

रिपोर्टर सतीश कुमार
मीरजापुर में नशा मुक्ति केंद्रों से जुड़े दो अलग-अलग मामलों ने इन संस्थानों की कार्यप्रणाली और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहला मामला सिविल लाइन स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र का है, जहां अर्जुन यादव ने केंद्र के संचालकों पर बेरहमी से पिटाई का आरोप लगाया है। दूसरा मामला लोहंदी कला के नशा मुक्ति केंद्र से जुड़ा है, जहां 35 वर्षीय तौसीफ आलम की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने परिजनों और स्थानीय लोगों को आक्रोशित कर दिया। दोनों घटनाओं ने नशा मुक्ति केंद्रों को सुधार का उनके परिजनों ने नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए सिविल लाइन स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था, ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चौंकाने वाले खुलासे किए। अर्जुन ने बताया कि केंद्र में उनकी बेरहमी से पिटाई की गई और परिजनों को इसकी शिकायत करने पर भयंकर मारपीट की धमकी दी गई। पांच महीने तक कथित तौर पर अमानवीय व्यवहार सहने के बाद वह छूटकर बाहर आए। इस मामले में बसही के एक युवक की मौत का जिक्र करते हुए अर्जुन ने केंद्र के संचालकों पर संगीन आरोप लगाए। हालांकि, संचालक इस पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।
तौसीफ आलम की संदिग्ध मौत: पिटाई से हत्या का इल्जाम
दूसरी ओर, लोहंदी कला के एक नशा मुक्ति केंद्र में तौसीफ आलम की मौत ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। तीन साल से नशे की लत से जूझ रहे तौसीफ को दो सप्ताह पहले केंद्र में भर्ती कराया गया था। परिजनों के मुताबिक, दो दिन पहले उनकी हालत सामान्य थी, लेकिन शुक्रवार को अचानक उनकी मौत की खबर मिली। शव पर चोट के निशान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोटों का जिक्र होने से परिजनों का गुस्सा भड़क उठा। परिजनों ने आरोप लगाया कि तौसीफ को पीट-पीटकर मारा गया। मृतक के चाचा जाहिद ने कहा कि केंद्र की क्रूरता और लापरवाही ने उनके परिवार के इकलौते सहारे को छीन लिया। परिजनों ने यह भी इल्जाम लगाया कि गरीब और विशेष समुदाय से होने के कारण उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
जनाक्रोश और प्रशासन की भूमिका
तौसीफ की मौत के बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने प्रयागराज मार्ग पर चक्का जाम कर दिया, जिसे एक घंटे बाद प्रशासन ने आश्वासन देकर खत्म करवाया। आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा नशा मुक्ति केंद्र पर तोड़फोड़ और पथराव की घटनाएं भी हुईं। एसडीएम गुलाब चंद्र, एसपी ऑपरेशन ओ.पी. सिंह और सीओ विवेक जावला समेत पुलिस बल मौके पर पहुंचा और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। हालांकि, 24 घंटे बीत जाने के बाद भी न कोई गिरफ्तारी हुई और न ही उच्च अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, जिससे परिजनों का आक्रोश बढ़ता गया। अर्जुन यादव के मामले में भी संचालकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
नशा मुक्ति केंद्रों की वैधानिकता पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि नशा मुक्ति केंद्र के रजिस्ट्रेशन पर जांच की मांग की चल रहे है जो। पहले भी इनसे विवादास्पद घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जैसे एक युवक के भागने की कोशिश पर पिटाई का मामला। तौसीफ की मौत के मामले में संचालक अनुराग जायसवाल, मनीष जायसवाल और आशीष जायसवाल के नाम को मृतक के परिजनों ने आरोपित किया है सामने आए हैं, लेकिन कार्रवाई के अभाव में प्रशासन पर दबाव में होने का संदेह जताया जा रहा है। परिजनों ने मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि क्या गरीब और विशेष समुदाय से होना उनकी गलती है?
जांच और भविष्य की उम्मीद
पुलिस ने दोनों मामलों में जांच शुरू की है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से तौसीफ की मौत के कारणों का खुलासा होने की उम्मीद है। प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है, लेकिन परिजनों के लिए यह महज आश्वासन है। इन घटनाओं ने नशा मुक्ति केंद्रों को नशे से मुक्ति का रास्ता मानने की बजाय एक क्रूर और संदिग्ध व्यवस्था के रूप में उजागर किया है। सच्चाई सामने आने तक लोगों का गुस्सा और अविश्वास बना रहेगा, और यह सवाल गूंजता रहेगा कि क्या ये केंद्र सुधार के लिए हैं या मौत का ठिकाना?
नशा मुक्ति केंद्र पर हत्या का मुकदमा दर्ज
युवक को लाठी-डंडे से पीटने का परिजनों ने लगाया आरोप
मीरजापुर। कटरा कोतवाली क्षेत्र के बसही में स्थित नशा मुक्ति केंद्र में युवक की मौत हो गई। युवक की मौत के बाद पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है। कई लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ भी कर रही है। लोहंदी के पास स्थित नशा मुक्ति केंद्र में शुक्रवार को युवक तौसीफ अंसारी 32 वर्ष की मौत हो गई थी। परिजनों ने 15 दिन पहले युवक को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया
था। युवक की मौत के बाद परिजनों ने बेरहमी से पिटाई करके हत्या का आरोप लगाया था। मामले में कटरा थाने पर नशा मुक्ति केंद्र के खिलाफ पुलिस हत्या का मुकदमा दर्ज करके जांच में जुट गई। पुलिस पांच से अधिक लोगों को उठाकर पूछताछ कर रही है। लोहंदी के बाद सिविल लाइन स्थित नशा मुक्ति केंद्र पर एक और गंभीर मामला सामने आया है। अर्जुन यादव ने आरोप लगाया है कि परिजनों द्वारा भर्ती कराने के बाद केंद्र में उनकी बेरहमी से पिटाई की गई। कहा कि सैकड़ों लाठियों से मारा गया
और परिजनों को बताने पर गंभीर धमकियाँ दी गईं। अर्जुन यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह खुलासा किया। पाँच महीने बाद छूटकर आए अर्जुन ने केंद्र के संचालक और अन्य लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया। इस मामले पर केंद्र संचालक कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। नशा मुक्ति केंद्र पर युवक की पिटाई से मौत का आरोप लगाते हुए परिजनों ने तहरीर दी थी। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।