21 दिनों तक पूजन पाठ व्रत कथा के साथ मां अन्नपूर्णा दरबार रंभा में हुआ भोजन प्रसादी भंडारा का कार्यक्रम, भगवान भोलेनाथ और मां अन्नपूर्णा दरबार में कथा में कन्याएं सहित श्रद्धालु ने पाया भंडारा

रिपोर्ट श्याम आर्य
भीमपुर ब्लॉक के ग्राम रंभा में मां अन्नपूर्णा दरबार मां अन्नपूर्णा के मंदिर में 21 दिन पूजन पाठ व्रत कथा के साथ आज भोजन प्रसाद जी भंडारा का कार्यक्रम आयोजित किया गया साथ ही अनेक श्रद्धालु महिलाएं ने पूजन पाठ कर आहुति डालकर अन्नपूर्णा भोजन प्रसादी भंडारा पाया पारंपरिक विधि विधान अनुसार बताया गया कि 21 दिवसीय मां अन्नपूर्णा देवी मान्यताओं के मुताबिक, 21 दिनों तक मां अन्नपूर्णा की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और अन्न से घर का भंडार भरा रहता है। आर्य परिवार रंभा के निवास स्थान पर मां अन्नपूर्णा दरबार और भगवान भोलेनाथ विराजमान है निरंतर पूजन पाठ से आर्य परिवार अनेक श्रद्धालुओं के साथ मिलकर शुभ कार्य करते हैं 21 दिनों के दौरान देवी अन्नपूर्णा की विशेष रूप से पूजा और व्रत का विधान है। देवी अन्नपूर्णा पार्वती जी का ही एक रूप हैं। इनकी आराधना से व्यक्ति को धन-धान्य, सुख-समृद्धि, यश, कीर्ति, अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु, सब कुछ मिलता है। लिहाजा इन सब चीजों का लाभ उठाने के लिए आपको अन्नपूर्णा देवी के इन 21 दिवसीय व्रत का पालन अनेक महिलाएं ने किया महिलाएं ने यह भी बताया कि जो लोग 21 दिनों तक व्रत न कर सके, वो केवल एक दिन व्रत कर लें, परंतु देवी की पूजा पूरे विधि-विधान से 21 दिनों तक ही करते हैं अगले 21 दिनों के दौरान आपको किस प्रकार मां अन्नपूर्णा पुजन पाट करते है समस्त जानकारी का महिलाओं द्वारा बताई गई
पूरे 21 दिनों तक मां अन्नपूर्णा की इस विधि के साथ करें पूजा
बिना कुछ खाए स्नान कर मां अन्नपूर्णा की विधि-पूर्वक रोली, चावल, धूप-दीप, पुष्प आदि से पूजा पाठ किया मां अन्नपूर्णा कथा में यह भी बताया गया कि
पूजा शुरू करने से पहले ही एक 21 गांठ वाला रेशमी धागा लें और उसे अपने हाथ पर बांध लें।
इस धागे को पूरे 21 दिनों तक पूजा के दौरान पहनना है। फिर 21 दिनों के बाद उस धागे को बहते जल में प्रवाहित कर दें।
इस प्रकार धागा लेकर पूजा के बाद देवी मां की कथा सुनें और ध्यान रहे देवी मां की कथा अकेले नहीं सुनें वहीं अगर आपके घर पर साथ में कोई और कथा सुनने वाला न हो, तो एलोवेरा, यानि ग्वारपाठा के पौधे के सामने एक पीपल के पत्ते पर सुपारी रख कर, वहां पर घी का दीपक जलाएं।
साथ ही महादेव, यानि शिव जी की तस्वीर भी वहां रखें। अब शिवजी और ग्वारपाठा के पौधे को कथा सुनाएं।
अगर आपको ग्वारपाठा भी न मिले तो आप केवल शिवजी के सामने घी का दीपक जलाकर कथा सुनाएं। इस प्रकार पूजा के बाद परिवार के सब लोगों में प्रसाद बांटें और रोज इसी तरह से देवी अन्नपूर्णा की पूजा करें।
ऐसा करने से आपके धन-धान्य में बढ़ोतरी होगी और आपको पैसों संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी साथ ही आपको सुख-समृद्धि, यश-कीर्ति और लंबी आयु की प्राप्ति भी होगी सभी श्रद्धाल ने मां अन्नपूर्णा दरबार में कथा का श्रवण कि फिर हवन में आहुति डाली साथ ही भंडारा प्रसादी ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया