अवैध ईट भट्ठों का संचालन धड़ल्ले से जारी

संवाददाता – युमल विश्वकर्मा
बालोद। जिले में अवैध ईट भट्ठों का संचालन धड़ल्ले से जारी है, जिला प्रशासन की कार्रवाई सिमट कर रह गई है, जिसके कारण ग्लोबल वार्मिग का खतरा बढ़ रहा है। वहीं कोयला व मिट्टी को जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड व सल्फर डाइऑक्साइड गैस निकलता है जो हवा में फैलकर तापमान को बढ़ा देता है। वहीं तापमान बढ़ने से पौधों के भोजन में सहायक होने वाले एंजाइम को भी प्रभावित करता है। वायुमंडल में 0.03 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड रहता है। मगर एक यूनिट भी कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ने से एक डिग्री तापमान बढ़ जाता है। वहीं मिट्टी कटाव से भूमि की उर्वरा शक्ति भी समाप्त होती है। जबकि मिट्टी की उर्वरा बनने में सैकड़ों वर्ष लगते हैं। भट्ठा संचालकों का कहना है कि जिला खनन विभाग द्वारा नोटिस जारी करने पर रॉयल्टी व पेनाल्टी जमा किया है। जबकि एक नजर डाला जाए तो ईट भट्ठा संचालकों से जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट, पर्यावरणीय शुल्क, प्रबंधन शुल्क, आयकर और रॉयल्टी व पेनाल्टी की राशि प्रति ईट भट्ठा संचालकों से लिया जाना चाहिए।। शासन प्रशासन की कोई ठोस कार्रवाई न होने की वजह से साल दर साल अवैध ईट भट्ठों का संचालन धड़ल्ले से बढ़ता ही जा रहा है, जोकि पर्यावरण को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।