प्रेम भाव अमन शांति के साथ रहने को प्रेरित करता है रमजान

रिपोर्ट इफ्तेखार अहमद
इस्लामिक कैलेंडर अर्थात हिजरी कैलेंडर का नवां महीना पवित्र रमजान चल रहा है । हिजरी साल का आरंभ इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम द्वारा मक्का से मदीना हिजरत अर्थात पलायन से होता है। इस्लाम धर्म में रमजान एक बहुत ही पवित्र और विशेष महीना है जिसमें पूरे महिना रोजा यानी व्रत रखा जाता है और अंत में रमजान की समाप्ति के बाद अगले महीना शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल फितर का त्यौहार मनाया जाता है। रमजान का महीना कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है ।इसमें न केवल पूरे महीना रोजा रखकर इबादत की जाती है बल्कि रमज़ान के पूरे महिने में दूसरों के प्रति नफरत, ईर्ष्या ,भेदभाव ,द्वेष, की भावना से दूर रहकर आपस में हर किसी के लिए प्रेम भाव, अमन ,शांति के साथ रहते हुए हर किसी को गरीब बेसहारा और आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों की सहायता के लिए प्रोत्साहित करता है। इस महीने में यह सीख आगे के जीवन काल में खुद के प्रति अनुशासित रहने के साथ समाज के लिए नम्र और निष्ठावान रहने के लिए प्रेरित करता है। जिससे ऐसे संपन्न और शांतिपूर्ण समाज का निर्माण हो जिससे
हर कोई एक दूसरे का आदर और सम्मान करे। उक्त बातें तंजीम रजा ए मुस्तफा सोसाइटी विंडम गंज के जनरल सेक्रेट्री अनीस अहमद कादरी ने
पत्रकार वार्ता में फोन से बताया ।