ग्राम जामनीय खुर्द इंदौर में जारी है भू माफियाओं का कहर

रिपोर्ट -राजेश विश्वकर्मा
इंदौर शहर में भू माफियाओं का कहर लगातार जारी है यहां भू माफियाओं का अत्याचार गरीबों पर होते देखा जा सकता है ऐसा ही मामला सामने आया है यहां की ग्राम पंचायत जामनीया खुर्द का, यहां के पूर्व सरपंच रामप्रशाद जाटव द्वारा भोले भाले लोगों से पैसे लेने के बाद भी प्लाट नहीं दिया गया है जिसमे फरियादि कालू पिता श्री राय यदि प्लाट की मांग लेकर जाता है तो डरा धमका कर और जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया जाता है आपको बता दें की कालू राय द्वारा इंदौर कलेक्टर महोदय और कमिश्नर महोदय के यहां आवेदन देकर अवगत करवाकर न्याय दिलवाने की गुहार और प्लाट लेने हेतु निवेदन किया है, कालू राय द्वारा आवेदन में बताया गया है कि, में कालू पिता श्री राय निवासी 06 गांधी बस्ती बागली ज़िला देवास मध्यप्रदेश का निवासी हूँ,श्री मान जी मेरे द्वारा 10 /06/2020 में रामप्रशाद जाटव पिता श्री सीताराम निवासी, ग्राम जामनीया खुर्द, कंपेल रोड़ इंदौर से, (भूखंड क्रमांक 49 जो कि श्री जी धाम, पटवारी हल्का नंबर 61 ग्राम जामनीया खुर्द इंदौर के सर्वे नंबर 203 रकवा 0.8450 हेक्टेयर पर इस्थित है/जिसकी साइज़ 15 बाय 50 फ़ीट होकर कुल क्षेत्रफल 750 बर्ग फ़ीट है, उक्त भूखंड को बेचवाल रामप्रशाद जाटव पिता सीताराम जाटव से लिया था, जिसका सौदा(इकरारनामा )4.50000 (चार लाख पचास हजार )ले प्लाट की कीमत तय हुई थी, जिसमे मेरे द्वारा बयाना राशि 2.00000 नगद दी गईं थी, बाकि का पैसा 2 वर्ष की किस्त में देना तय हुआ था, जिसका मेरे द्वारा समय -समय पर किस्त में पैसा दिया था, जिसकी लिखा पढ़ी डायरी मेरे पास है, जिसमे मेरे द्वारा 3.40000 रूपये डायरी में साइन करवाकर दे दिए थे, बाकि की भी रकम मेरे द्वारा दे दी गईं थी, जिसमे इनके ही कर्मचारियों और दलालो के माध्यम से ली गईं थी, मेरा पैसा पूर्ण होने के बाद मुझे प्लाट नहीं दिया गया है, में उक्त प्लाट पर जाता भी हूँ तो मुझे जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया जाता रहा है, में अपनी जान और परिवार को देखते हुए गुंडों और दबँगो से सामना नहीं कर सकता हूँ,
और और ऐसे धोकेवाज़ गुंडों और भू माफियाओं पर दंडतात्मक कार्रवाही करवाने हेतु आवेदन दिया है
सवाल अब भी यहीं है कि इंदौर प्रशासन द्वारा अवैध कालोनीयों पर निरंतर कार्यवाहियों के वावजूद भी इस प्रकार बिना टी.एन. सी. पी. के कालोनीयॉ काटी जा रही है, और कच्ची डायरियों पर ही भोले भाले लोगों से किस्तें ली जा रही है, जिसमे पैसे लेने के बाद कोई ठोस प्रमाण नहीं होने के कारण भू माफिया बच निकलते है,जिसमे कहीं ना कहीं लगातार भू माफियाओं द्वारा पैसे लेकर भी प्लाट नहीं देने के मामले लगातार आ रहे है, यहां कई भू माफियाओं द्वारा शासकीय भूमि पर ही दबँगाई से प्लाट बेंचते देखा जा सकता है, जिसमे यहां के पटवारियों द्वारा अवैध कालोनीयों को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है