धुमधाम एवम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया होली का त्यौहार

रिर्पोट। युमल विश्वकर्मा
जिला बालोद छत्तीसगढ,डौंडीलोहारा मुख्यालय अंर्तगत खरखरा जलाशय के पास बसा ग्राम -गंजाईडीह में होली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम एवम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। *भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में होली का विशेष स्थान है। इसे भारत में रंगों के त्योहार या उल्लास के त्योहार के रूप में जाना जाता है। यह ना केवल रंगों और उल्लास का पर्व है, बल्कि सामाजिक समरसता, प्रेम, भाईचारे और बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार होली का त्योहार हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का यह पर्व ना सिर्फ पूरे भारत में, बल्कि विश्व के कई अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है। होली मनाने की परंपरा दो भागों में बंटी हुई है -होलिका दहन*होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है, जिसे*छोटी होली*भी कहा जाता है। इस दिन लकड़ी और उपलों से होलिका जले जाती है, और लोग अग्नि की परिक्रमा कर बुराइयों को त्यागने का संकल्प लेते हैं।
रंगो वाली होली दूसरे दिन रंगो वाली होली खेली जाती है, जिसे धुलेड़ी भी कहते हैं। इस दिन लोग रंग, गुलाल, पिचकारियां, पानी के गुब्बारे और तरह तरह के प्राकृतिक एवम कृत्रिम रंगों से एक -दूसरे को रंगते है।