हरिलीला ट्रस्ट ने सबरियाडेरा के बच्चों में बांटा रंग-गुलाल, होली के रंग में डूबे नन्हे-मुन्ने100 से ज्यादा बच्चों के बीच ट्रस्ट ने बांटी खुशियां, रंगों में सराबोर हुआ माहौल

जांजगीर। होली का पर्व खुशियों, उमंग और भाईचारे का प्रतीक है। इसी कड़ी में हरिलीला ट्रस्ट, बनारी (जांजगीर-नैला) ने अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए गुरुवार 13 मार्च को सबरिया डेरा, बनारी के बच्चों के बीच रंग, गुलाल, पिचकारी, टोपी, बाजा, चॉकलेट और गुब्बारे बांटे। ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 100 से अधिक बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की बधाइयां दीं। बच्चों के चेहरे पर मुस्कान और उमंग देखते ही बनती थी।
होली का महत्व और बच्चों को सुरक्षित होली खेलने की प्रेरणा
इस अवसर पर ट्रस्ट के सचिव एवं जिला भाजपा उपाध्यक्ष अमर सुल्तानिया ने बच्चों को होली के सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आपसी प्रेम, भाईचारे और सद्भाव का संदेश देता है। उन्होंने बच्चों को प्राकृतिक और हानिरहित रंगों के उपयोग के साथ-साथ सुरक्षित तरीके से होली खेलने के लिए प्रेरित किया।
हर साल होता है ऐसा आयोजन
गौरतलब है कि हरिलीला ट्रस्ट हर साल विभिन्न त्योहारों पर इस तरह के आयोजन करता आ रहा है। ट्रस्ट का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों तक त्योहारों की खुशियां पहुंचाना है। इस परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष भी होली के अवसर पर बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
रंगों से सजी खुशियों की महफिल
कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने ट्रस्ट के सदस्यों के साथ मिलकर जमकर मस्ती की, नाच-गाना किया और होली के रंगों में सराबोर हो गए। उनके लिए यह दिन यादगार बन गया। कार्यक्रम में मौजूद स्थानीय लोगों ने भी ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की।
समाप्ति पर दिया एकता और प्रेम का संदेश
आयोजन के अंत में ट्रस्ट के सचिव अमर सुल्तानिया ने सभी बच्चों और स्थानीय लोगों को होली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा,
“हम सबकी एकता और सामंजस्य के रंग से देश हमेशा रंगा रहे, यही मेरी कामना है। आप सभी को होली की ढेरों शुभकामनाएं!”
इस अवसर पर श्रीमती सुनीता सुल्तानिया, श्रीमती पायल सुल्तानिया, अन्विता, कृतिका, आदित्य, हर्ष, अवनी, यशराज, कियारा, अनंत, दिव्यांशी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।
बच्चों के चेहरे की मुस्कान बनी सबसे बड़ा उपहार
इस आयोजन से न सिर्फ बच्चों को एक अनोखा उत्सव मनाने का अवसर मिला, बल्कि समाज में आपसी प्रेम और सहयोग की भावना को भी बल मिला। बच्चों के चेहरे पर फैली खुशी और उत्साह ही ट्रस्ट के इस प्रयास की सबसे बड़ी सफलता रही।