ट्रेन में महिला यात्री के काम आया सशक्त सुरक्षा पैड बैंक संघमित्रा एक्सप्रेस पर ऐसे पहुंची सेनेटरी पैड की मदद

रिपोर्ट | कौशल कुमार घोड़के
म. प्र.बैतूल। जिले की सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति हमेशा सार्वजनिक स्थलों पर पैड बैंक की सुविधा उपलब्ध कराने के पक्ष में रही है। मासिक धर्म को लेकर किशोरी बालिकाएं एवं महिलाएं आज भी बात करने में संकोच करती है। ऐसे में आकस्मिक परिस्थिति में मदद मांगने में भी उन्हें संकोच होता है। यही वजह है कि बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति अपने सशक्त सुरक्षा पैड बैंक प्रकल्प के माध्यम से स्कूलों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी पैड बैंक की सुविधा प्रारंभ कर रही है। जिले में पैड बैंक की परिकल्पना के प्रभावी परिणाम सामने आ रहे है और पैड वाली दीदियों को आवश्यकता पडऩे पर जरुरतमंद सहजता से कॉल भी कर रहे है। ऐसा ही एक मामला गुरुवार को भी हुआ जब ट्रेन में एक युवती को सेनेटरी पैड की जरुरत पड़ने पर सशक्त सुरक्षा बैंक की संचालक गौरी पदम ने इस यात्री को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराया।
ऐसे मिली यात्री को मदद
संघमित्रा एक्सप्रेस से पटना से बैंगलोर जा रही एक महिला यात्री ने सेनेटरी पैड के लिए जस्ट डायल पर प्रेरणा मेडिकल स्टोर के संचालक को कॉल किया। उन्होंने महिला यात्री की टिकट का पीएनआर नंबर, टिकट एवं बोगी की जानकारी एवं मोबाईल नंबर लेने के बाद सशक्त सुरक्षा बैंक संचालक गौरी पदम से सम्पर्क किया। श्रीमती पदम ने यात्री से मोबाईल पर सम्पर्क करने के बाद संस्था की सदस्य प्रज्ञा झगेकर के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचकर यात्री को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराया। यह यात्री संघमित्रा एक्सप्रेस की बी-5 बोगी में सफर कर रही थी। समस्या के समाधान पर महिला यात्री ने पैड वाली दीदियों का आभार माना और कहा कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि कैसे और किससे मदद मांगे। ऐसे में उन्होंने रेलवे के हेल्प लाईन नंबर सहित कुछ मेडिकल संचालकों के नंबर पर भी सम्पर्क किया। इस दौरान कुली दुर्गा बोरबार भी सूचना मिलने पर मदद के लिए पहुंची।
बस स्टेण्ड और रेलवे स्टेशन पर जरुरी है सुविधा
मासिक धर्म का समय निर्धारित नहीं होता ऐसे में कई बार महिलाओं को परेशान होना पड़ता है। श्रीमती पदम ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर तो पैड के लिए मशीन लगी हुई है लेकिन यह अक्सर बंद रहती है। इसी तरह जिले के कॉलेज एवं स्कूलों में भी यह सुविधा की गई लेकिन कहीं मशीन बिगड़ी है तो कहीं पैड उपलब्ध नहीं होते। श्रीमती पदम का कहना है जिले के रेलवे स्टेशनों, बस स्टेंड एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी पैड बैंक जैसी सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए और इसके लिए उनके द्वारा लगातार प्रयास भी किए जा रहे है।