बेगंदा में 7 साल से रे रहे नंदी को गांव वालों ने घर के बेटे की तरह किया विदा पूरे गांव में निकाला जुलूस हर हर महादेव जय श्री महाकाल के नारों के बीच निकाली अंतिम यात्रा

संवाददाता निलेश मालवीय
बेगंदा गांव में 7 वर्ष से रे रहा नंदी बच्चों के साथ खेलता था बड़ो के साथ रुक कर मुक भाषा में बात करता था वह उनके आदेश का पालन भी करता था बताया जा रहा है की इस नंदी ने आज तक किसी को ना तो सिंग मारा और ना ही किसी तरह की हिंसा की नंदी के गुजर जाने के बाद ग्रामीण जनों के नेतृत्व में गांव में जुलूस निकाल कर उसकी अंतिम यात्रा निकाली व उसको आदरपूर्वक समाधिस्थ किया गया यह घटना मनुष्य व पशु के प्रेम संबंधों की अनूठी कहानी बयां करती है बता दे की पड़ोसी गांव धमाना से ठाकुर भंवर सिंह व ठाकुर उमराव सिंह ने अपने पिताजी के निधन पर उनकी स्मृति में नंदी महाराज को विवाह कर के गांव में छोड़ा गया था जैसे ही उन्हें नंदी महाराज की मृत्यु की खबर मिली वह भी अंतिम यात्रा में शामिल होने गांव बेगंदा पहुंच गए थे नंदी पिछले 7 वर्षों से बेगंदा में ही रे रहा था वह 8 से 10 दिनो से काफी बीमार हो गया था राम प्रकाश मालवीय विजय मालवीय भास्कर मालवीय गोपाल मालवीय राहुल मालवीय राजेंद्र मालवीय महेश गुर्जर द्वारा नंदी का उपचार कराया गया था व देखरेख की गई थी अंतिम यात्रा में गांव के सरपंच प्रतिनिधि पूर्व जिला पंचायत सदस्य रजनीश मालवीय उपसरपंच प्रतिनिधि मोहन दास बेरागी तथा ग्रामीण जन एवं छोटे बच्चे उपस्थित रहे उक्त जानकारी निलेश मालवीय द्वारा दी गई