लाखों श्रद्धालुओं के लिए सज गया माता जानकी का दरबार,आज से शुरु होगी तीन दिवसीय मेला की शुरुआत

रिपोर्टर। हरिओम त्यागी
मंगलवार से तीन दिवसीय मेला की शुरुआत हो चुकी है।जहां बुधवार को रंगपंचमी का दिन विशेष माना जाता है।माना जाता है की रंगपंचमी के दिन ही माता जानकी के दोनों पुत्र लव कुश का जन्म इसी बाल्मीकि आश्रम करीला धाम में हुआ था ओर आकाश मार्ग से आईं अप्सराओं ने इस खुशी में इस आश्रम पर वधाई स्वरूप नृत्य किया था।तभी से करीला धाम में राई नृत्य करने की परंपरा चली आ रही है जो की आज भी कायम है।जिन श्रद्धालुओं की मनोकामना मैया जानकी पूरी करतीं है वह श्रद्धालु नृत्यांगनाओं को करीला धाम लाकर राई नृत्य करवाते हैं।करीला धाम अशोकनगर जिला ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशों में राजस्थान महाराष्ट्र गुजरात हरियाणा में भी अपनी पहचान रखने वाला धाम बन चुका है।साथ ही प्रदेश का एक मात्र करीला धाम का ऐसा मेला है जहां एक दिन ओर एक रात में 15 से 20 लाख श्रद्धालु जानकी माता के दरबार में मत्था टेकने आते हैं।हालांकि अब यह मेला प्रशासन की नजर में तीन दिन लगने लगा है।उसकी खाश बजह यह है की रंगपंचमी पर अधिक संख्या में भीड होने के कारण दूर दराज के लाखों श्रद्धालु एक दिन पहले चौथ के दिन करीला धाम पहुंचकर मैया जानकी के श्रद्धालु दर्शन करने आ जाते हैं।तो वहीं पंचमी के दिन जहां विशेष मेला लगता है तो वहीं छठ के दिन ग्रामीण क्षेत्रों के आसपास गांव के महिला पुरुष युवक युवतियां छोटे बच्चे जब भीड़ कम हो जाती है।तो वह जानकी के दरबार में पहुंचते हैं।कलेक्टर एसपी सहित जिले का पूरा प्रशासनिक अमला मेला में लग चुका है।ओर श्रद्धालुओं की सुरक्षा ब्यबस्था को लेकर करीब दो हजार से अधिक पुलिस फोर्स मंगलवार की शाम तक करीला में तैनात हो जाएगा।रंगीन लाईटों की जगमगाहट ओर सीसीटीवी कैमरे से लैस करीला धाम मेला का नजारा अलग ही दिखाई दे रहा है।हर बार की तरह इस बार भी 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना प्रशासन द्वारा जताई जा रही है।