ताप्ती परिक्रमा पद यात्रा पहुंची रातामाटी ग्रामीणों ने किया स्वागत यात्रियों ने बताया ताप्ती नदी की शुद्धता का सच

रिपोर्ट श्याम आर्य
ताप्ती परिक्रमा यात्रा में सामने आया सच ताप्ती के एक किनारे की यात्रा पूरी संरक्षित हो हमारी नदी
प्रदेशभर की जीवनदायनी मां ताप्ती नदी की परिक्रमा के लिए पद यात्रा निकली है। ताप्ती नदी रातामाटी हनुमान मंदिर समादभुरू पहुंची जहा यात्रियों का सनातनी बंधुओ ने जोरदार स्वागत किया और दोपहर भोजन ग्रहण कर विश्राम देकर यात्रा आगे के लिय प्रस्थान किया वही कुनखेड़ी में आज विश्राम होगा इसमें एक पाट कुल साढ़े 900 किमी का है। यात्रियों ने बताया की यात्रा में बड़ी बात यह सामने आई की मुलताई से गुजरात डुमस तक ताप्ती नदी सबसे ज्यादा प्रदूषित बुरहानपुर में है, जहां शहर के सीवरेज का पानी मिल रहा है, जबकि कही भी ऐसा नहीं है।
ताप्ती परिक्रमा पदयात्रा समिति के कहा कि यह यात्रा ताप्ती के उद्गम स्थल मुलताई से निकली है। अब तक 1150 किमी की पद यात्रा हो चुकी है। जिसमें 9.50 किमी ताप्ती का मुलताई से डुमस जहां ताप्ती समुद्र में मिलती है, वहां तक एक तरफ के किनारे की यात्रा है, दूसरे ओर से भी परिक्रमा आगे बढ़ गई है, जो अभी यह यात्रा गुजरात में लिंबी उकाई डेम नर्मदा जिले के पास पहुंची है।
पूरी यात्रा में यह सब सामने आया
कोई भी गांव या शहर ताप्ती से एक किमी दूरी पर
पूरी यात्रा में यह मुख्य बात भी सामने आई की कोई भी गांव या शहर ताप्ती नदी से 500 मीटर दूर या 1 किमी की दूरी पर है। लेकिन बुरहानपुर ही ऐसा शहर है, जो सीधे ताप्ती तट से ही आवासीय क्षेत्र देखने को मिलते हैं।कही भी सीवरेज का पानी ताप्ती में नहीं बताते हैं कि पूरी यात्रा में कही भी शहर के सीवरेज का पानी ताप्ती नदी में मिलते हुए नहीं देखा। सभी दूर ताप्ती का पानी कल कल बहता हुआ दिखा। कुछ पूदषित मान सकते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा प्रदूषित ताप्ती बुरहानपुर में है।
यह शहर जो पी रहे ताप्ती का पानी
ताप्ती नदी का पानी पेजयजल के रूप में बुरहानपुर जिले का नेपानगर पी रहा है। इसके बाद सीधे उकाई डेम से पेयजल की परियोजना है। इसका बेवाटर ही 90 किमी तक फैला है, जहां ताप्ती का रौद्र रूप देखने को मिलता है। यहां सूरत, नवसारी, अंकलेश्वर, नर्मदा चार जिले ताप्ती का पानी पी रहे हैं। जबकि महाराष्ट्र सिंचाई से समृद्ध हो रहा है। गर्मी में जब पानी की किल्लत होती हैं, तो मुलताई के गुटी घाट, गुगईपुर, भुरभुर गांव ताप्ती का पानी ही पीते हैं, लेकिन यहां कोई पेयजल परियोजना नहीं है। सीधे ग्रामीण ताप्ती नदी पर जाकर पानी लाते हैं।
नदी पूरी तरह शुद्ध होना चाहिए
पद यात्रा का कहना है कि ताप्ती नदी पूरी तरह शुद्ध होना चाहिए। भुतकाल इस पर निर्भर रहा है वर्तमान और भविष्य भी इसी पर टिका है।