कोरबा लोकसभा प्रत्याशी अविभाजित कोरिया से बनाने की आवाज़, डॉ राकेश शर्मा के नाम की सुगबुगाहट

रिपोर्ट- श्रीकान्त सिंह
कभी कोरिया ने सीधी लोकसभा को सांसद दिया…. क्या फिर इतिहास दोहरा पायेगा कोरिया ? क्या कोरिया से होगा कोरबा सांसद ?
दबंग केशरी एमसीबी/कोरिया-
नए साल के आगाज़ के साथ ही राजनीतिक फिजाओं में भी ताज़गी देखी जा रही हैं। अब लोग विधानसभा से आगे निकलकर आने वाले लोकसभा की चर्चाये कर रहे हैं। नए साल के साथ ही लोकसभा की रणनीति बनाने में राजनीतिक दल मशगूल हैं। भारतीय जनता पार्टी जहाँ अभी से छत्तीसगढ़ में मिशन-11 में जुट गयी हैं। ख़ासकर पिछली चुनाव में हारी हुई 2 सीटों कोरबा और बस्तर के लिए विशेष रणनीति बना रही हैं। विधानसभा चुनाव की तर्ज पर आचार संहिता से पहले कोरबा और बस्तर लोकसभा के लिए प्रत्याशी तय किये जाने की बात कही जा रही हैं।
जानकारों का मत कोरिया से प्रत्याशी होना लाभप्रद
जहाँ तक कोरबा लोकसभा की बात हैं तो राजनीतिक जानकारो व पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना हैं कि अबकी बार भारतीय जनता पार्टी अविभाजित कोरिया से यदि प्रत्याशी तय करती हैं तो उसके जीतने की संभावना प्रबल होगी। इस मामले में लोग मिशाल देते हैं मध्यप्रदेश के सीधी लोकसभा सीट का। हम बता दे कि सन 2004 तक अविभाजित कोरिया जिला मध्यप्रदेश की सीधी लोकसभा में आता था जहाँ पर भारतीय जनता पार्टी ने अभिनव प्रयोग करते हुए सन 1999 लोकसभा चुनाव में सीधी लोकसभा से,अविभाजित कोरिया जिले के खंडगंवा निवासी चंद्रप्रताप सिंह को टिकट देकर पहली मर्तबा कोरिया अंचल से किसी को प्रत्याशी बनाकर राजनीतिक दांव चला जो कि बहुत सफल रहा और वर्षो से पिछड़े ट्राईबल क्षेत्र से स्थानीय प्रत्याशी बनाने से लोगो ने इस अंचल से निर्णायक बढ़त दिलायी परिणामस्वरूप स्थानीय भाजपा प्रत्याशी चंद्रप्रताप सिंह ने दिग्गज काँग्रेस नेता मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के खास समर्थक तत्कालीन सांसद तिलकराज सिंह को शिकस्त देकर राजनीतिक प्रेक्षकों को चकित कर दिया। बीजेपी ने यही क्रम 2004 के लोकसभा चुनाव में दोहराया और फिर सीधी लोकसभा से स्थानीय प्रत्याशी चंद्रप्रताप सिंह को टिकट दिया और उन्होंने पुनः विजय श्री हासिल की। इस प्रकार लगातार दो चुनाव में कोरिया जिले के निवासी ने सीधी लोकसभा का सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया। तो क्या फिर भारतीय जनता पार्टी सफ़ल प्रयोग करते हुए अविभाजित कोरिया से प्रत्याशी देकर जीत की प्रबलता बढ़ाएगी या वही पुराने ढ़र्रे पर चलते हुए कोरबा जिले से प्रत्याशी देगी। अविभाजित कोरिया में तीन विधानसभा क्षेत्र बैकुंठपुर, मनेन्द्रगढ़, भरतपुर-सोनहत आते हैं जहाँ से पिछले चुनाव में बीजेपी ने 40 हज़ार से भी अधिक मतों से बढ़त बनाई थी,और ये तब जब प्रत्याशी कोरबा से थे।इस अंचल से प्रत्याशी बनाने से इस बढ़त में जानकार और इजाफ़ा होने की बात कर रहे जो कि जीत के लिए निर्णायक होगा।
सिर्फ एक बार जीत नसीब हुई
परिसीमन के बाद अस्तित्व में आये कोरबा संसदीय क्षेत्र से अब तक तीन चुनाव संपन्न हुए हैं और तीनों ही बार कोरबा तरफ से भाजपा ने प्रत्याशी दिया हैं जिसमे से सिर्फ एक बार भाजपा को सफलता मिली।जिसको देखते हुए सीधी लोकसभा का प्रयोग दुहराने की बात हो रही हैं।
स्थानीय प्रत्याशी के रूप में डॉ राकेश शर्मा का नाम आगे
अविभाजित कोरिया से स्थानीय प्रत्याशी के रूप में राजनीतिक हलकों में बैकुंठपुर के ख्यातिलब्ध
चिकित्सक समाजसेवी डॉ राकेश शर्मा सबसे उपयुक्त बताए जा रहे हैं। डॉ शर्मा पिछले 40 सालों से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रो में अपनी सेवा दे रहे हैं अविभाजित कोरिया भारतीय जनता पार्टी चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक की भूमिका निर्वहन कर रहे।ख़ास बात यह हैं कि पर्यावरण क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय हैं।अपने अस्पताल में डिलीवरी पर दम्पति को पौधे भेट कर उसे संरक्षित करने की सीख देते हैं। संघ पृष्ठभूमि के डॉ शर्मा कोरबा लोकसभा के समस्त विधानसभाओं में पहुँचकर प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को जन जन तक पहुँचा रहे हैं।