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बुरहानपुर में भू माफियाओं का आतंक, मुस्लिम कब्रस्तान की कब्रों पर चलाया बुलडोजर 100-150 कब्रे की ध्वस्त वफ्फ संपत्तियों की बंदरबाट निरंतर जारी, वफ्फ बोर्ड बना मूक दर्शक

रिपोर्ट डॉ. आनंद दीक्षित

बुरहानपुर। प्रदेश सहित बुरहानपुर में भी भू माफिया बेखोफ नजर आ रहे हैं। हम कुछ समय पूर्व का अगर आकलन करें तो पाएंगे कि पूर्व में कृषि भूमि को एसडीएम डायवर्सन का नियम विरुद्ध खंड-खंड कर बेच दिया जाता था। उसके बाद सन 2011 में वह समय आया जब भू माफिया तहसीलदार से साठगांठ कर खसरे के कॉलम नंबर 12 में से वफ्फ संपत्ति अहस्थांतरणीय हटा कर उस वफ्फ संपत्ति को भारी दामों में बेचने लगे। उनके इस कृत्यों पर भी जब प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तब उन भूमि माफिया के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वह कब्रिस्तानों की भूमि को भी अब निशाना बनाने लगे हैं।

वर्तमान प्रकरण में एमागिर्द के खसरा नंबर 597 जो कि मुस्लिम कब्रिस्तान है की कब्रों को षडयंत्र पूर्वक बुलडोजर से हटा दिया गया। जिसकी शिकायत मेहमूद खान, इलियास खान, इलतेमास खान, अजहर खान, मुजाहिद खान एवं सईद अहमद खान ने संयुक्त रूप से थाना प्रभारी, थाना शिकारपुरा को कर आरोपियों के विरूध्द कठौर कानूनी कार्यवाही कर आवेदकगण के पारिवारिक एवं धार्मिक हितों की रक्षा करने का निवेदन किया हैं।

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाए हैं कि आवेदकगण का खानदानी कब्रस्तान शिकारपुरा थाने के सामने स्थित होकर उक्त कब्रस्तान शासकिय अभिलेख में आवेदकगण के नाम इंद्राज है तथा उक्त कब्रस्तान में आवेदकगण के परिवार के सदस्यों के साथ साथ मुस्लिम समाज के अन्य मृतको को दफनाया जाता है तथा वह वर्तमान में लगभग 200-300 कब्र (समाधीया) बनी हुई है।जिसका सन 1989 आधार पर सर्वे में दर्ज है। आवेदकगण के मालकी और कब्जे के उक्त कब्रस्तान में कुछ भू माफियो के कहने पर ग्राम जैनाबाद के जे सी बी चालक ने उक्त कब्रस्तान में जेसीबी चलाकर कब्रस्तान की समस्त कब्रो को ध्वस्त कर दिया है और संपूर्ण जमीन को प्लेन कर दिया है। आवेदकगण जब कब्रस्तान पहुचे तो वहां आवेदकगण को लगभग 100-150 कब्रे ध्वस्त मिली, जहां पर की भूमि को समतल कर दिया गया है और कब्रो को मिटा दिया गया है। उक्त कब्रे वर्तमान से 3 वर्ष तक की अवधी में बनी होकर एकदम नई कब्रे है। जिनमें आवेदकगण के परिवार के मृतक सदस्य और अन्य मुस्लिम समाजजन के सदस्य दफन किये गये है जिससे न केवल आवेदकगण की अपितु मुस्लिम समाज जन की धार्मिक आस्थाऐं जुडी हुई है और अनावेदक द्वारा किये गये इस कृत्य से मुस्लिम समाज की आस्थाओं को ठेस पहुंची है जिससे समस्त समाजजन में रोष व्याप्त है। उक्त अनावेदक के विरूद्ध यथा शीघ्र कठोर दंडात्मक कार्यवाही करना न्यायहित में आवश्यक है। यदि अज्ञात अनावेदक और उसके साथीयों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही नही की जाती है तो शहर शांतिप्रिय वातावरण धूमिल होने की संभावना है।

आरोपियों पर हो सकती हैं धारा 297 आईपीसी के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज

भारतीय दंड संहिता की धारा 297 के अनुसार, जो कोई किसी उपासना स्थान में, या किसी कब्रिस्तान पर या अन्त्येष्टि क्रियाओं के लिए या मॄतकों के अवशेषों के लिए निक्षेप स्थान के रूप में पॄथक् रखे गए किसी स्थान में अतिचार या किसी मानव शव की अवहेलना या अन्त्येष्टि संस्कारों के लिए एकत्रित किन्हीं व्यक्तियों को विघ्न कारित,

इस आशय से करेगा कि किसी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाए या किसी व्यक्ति के धर्म का अपमान करे, या यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि तद्द्वारा किसी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी, या किसी व्यक्ति के धर्म का अपमान होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा । यह धारा संज्ञेय अपराध जो कर गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में आता हैं।

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