आष्टा के ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के खिलाफ लगाए सिंचाई योजना से वंचित रखने के आरोप किसानों ने कहा- पूर्व मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद नहीं हुआ समस्या का निराकरण

रिपोर्ट | कौशल कुमार घोड़के
म. प्र.बैतूल। मुलताई तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम आष्टा के किसानों ने चंदोरा जलाशय की नहर भूमिगत करने की मांग की है। किसान खेमराज देशमुख, इन्दलराव खातरकर, चुन्नीलाल देशमुख, अधिवक्ता गुलाब देशमुख, आनंदराव ठाकरे, गुणवंत गल्फट, प्रवीण लोखंडे ने बताया यदि चंदोरा जलाशय की नहर भूमिगत की जाती है तो प्रेशराइज्ड सूक्ष्म सिंचाई सुविधा मिलने से लगभग 5 हजार हेक्टेयर की सिंचाई सुविधा मिलने की उम्मीद है। जिससे जलाशय के नजदीकी गांव रायआमला, आष्टा मीरापुर एवं बले गांव की लगभग 2 हजार हेक्टेयर असिंचित भूमि सिंचित हो जाएगी। किसानों का आरोप है कि हमारे ग्राम से लगी पारसडोह सिंचाई परियोजना में ग्राम आष्टा का नाम कमाण्ड क्षेत्र में शामिल था लेकिन दोनों योजनाओं से ग्राम आष्टा को वंचित रखा गया।
किसानों ने बताया कि बैतूल जिले में चंदोरा सिंचाई परियोजना वर्ष 1990 में बनी है। जिसके द्वारा जिले के 16 गांवो की 2800 हेक्टर जमीन को सिंचाई सुविधा दी जा रही है। नहरों की वर्तमान स्थिति जर्जर एवं खुली नहरे होने से पानी का सिंचाई में पूरा-पूरा उपयोग न होने से पानी बहकर नुकसान हो रहा है। इन किसानों ने बताया कि विगत 25 अगस्त 2023 को किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रत्यक्ष भेंट कर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की थी। उक्त समस्या को गंभीरता से लेते मुख्यमंत्री ने तत्काल निराकरण के आदेश दिये थे लेकिन आज दिनांक तक शासन एवं प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई है।