द्वय मुनिराज का सिध्वरकुट की मंगल विहार

रिपोर्ट विपिन जैन
सनावद/ तप ओर त्याग की नगरी कहे जाने वाले नगर सनावद में तकरीबन 2 तो3 दिनों से विराजमान संत शिरोमणी आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के परम शिष्य सनावद नगर गौरव मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज एवम मुनि श्री प्रबोध सागर जी महाराज का सिध्वरकुट की और मंगल विहार हुवा।
सन्मति काका ने बताया की आप निरंतर 23 दिनों से संत निवास में विराजमान होकर धर्म की प्रभावना कर रहे थे। आप के सानिध्य में नगर में अनेक मंडल विधान भक्तामर आराधना प्रतिदिन स्वाध्याय क्लास शाम में आचार्य गुरु भक्ति ,आरती व नए विषयों पर धर्म चर्चा होती रही। जैसा की ज्ञात हे की आप दोनो द्वय मुनिराज सनावद नगर में ही जन्में हे आप निरंतर पद विहार कर जैन धर्म की प्रभावना कर रहें हे। आप के विहार में सभी समाजजन उपस्थित हुवे