पंचायतों में पारदर्शिता खत्म, सरपंच संघ ने की नियमों में बदलाव की मांग सरपंच संघ अध्यक्ष ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

रिपोर्ट | कौशल कुमार घोड़के
म. प्र.बैतूल। ग्राम पंचायतों में नियमों की अनदेखी के खिलाफ घोड़ाडोंगरी ब्लाक के सरपंच संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। सरपंच संघ अध्यक्ष सहनवती ने कलेक्टर को नियमों के बदलाव को लेकर पत्र दिया है। ताकि पारदर्शिता भी बनी रहे और ग्रामीणों को समय पर शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सके। सरपंच संघ का कहना है कि विकास कार्यों में लगने वाली सामग्रियों के भुगतान की समस्या से कई कार्य प्रभावित होते हैं। कोशिश होनी चाहिए कि मनरेगा कार्य में सामग्री का भुगतान समय सीमा पर किया जाए। ऑनलाईन श्रमिकों की उपस्थिति को लेकर कई बार भ्रम की स्थिति निर्मित हो जाती है। मस्ट्रोल में उपस्थिति दर्ज की जानी चाहिए ताकि सरपंच इसका निरीक्षण कर सकें।ग्रामीणों की सुविधा को देखते हुए प्रत्येक ग्राम पंचायत के सचिव, रोजगार सहायक, मोबिलाईजर सुबह 10:30 से शाम 5:30 बजे तक उपस्थिति रहना चाहिए, उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर भी होना चाहिए ताकि उपस्थिति पंजी के आधार पर सरपंच के प्रमाणिकरण से प्रति माह भुगतान हो सके। प्रधानमंत्री आवास की राशि को बढ़ाकर 2 लाख 50 हजार करने की मांग की गई। सरपंच संघ अध्यक्ष ने बताया ग्राम पंचायत हीरापुर ग्राम गोलई मेंगनाढाना से कोचाखेड़ा ग्रेवल मार्ग स्वीकृत हुआ है। इसका कार्य भी प्रारम्भ हो चुका है। लेकिन गांव का नाम ऑनलाइन में पत्तुढाना बता रहा है जबकि गॉव का नाम मेंगनाढाना कोचाखेड़ा होना चाहिए। स्कूल, सोसायटी और उप स्वास्थ्य केंद्र भी उसी रोड पर स्थित है। सरपंच ने बताया कि यदि नियमों में बदलाव किया जाता है तो विकास कार्यों में भी पारदर्शिता देखने को मिल सकती है और राजस्व का नुकसान होने से बचाया जा सकता है।